पाकिस्तान आर्थिक दिवालियाः भैंस 10 लाख तो शेर 1.5 लाख रुपए में खरीदें
लाहौर सफारी चिड़ियाघर का प्रशासन अपने कुछ अफ्रीकी शेरों को प्रति शेर 150,000 पाकिस्तानी रुपये की मामूली कीमत पर बेचने को तैयार है. इसकी तुलना में ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर एक भैंस 350,000 रुपये से 10 लाख रुपये की मोटी रकम में उपलब्ध है.
highlights
- लाहौर सफारी जू ने 14 शेरों को बेचने का किया है फैसला
- बाजार में भैंस की कीमत 3.5 लाख से 10 लाख के बीच है
- जंगल के राजा शेर के लिए महज डेढ़ लाख पाकिस्तानी रुपए
लाहौर:
आर्थिक दिवालियेपन की बात करें तो पाकिस्तान (Pakistan) भी कमोबेश श्रीलंका (sri Lanka) की राह पर चल पड़ा है. डगमगाती आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाने के लिए शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) सरकार अपनी सरकारी संपत्तियों को विदेशियों को बेचने का फैसला कर ही चुकी है. विदेशी मुद्रा भंडार रसातल की ओर है. नतीजा यह है कि महंगाई आसमान छू रही है और खाने-पीने की चीजें आम आदमी के खर्च से परे हैं. ऐसे में विदेशी ऋण मिल जाए इसके लिए शहबाज सरकार कड़े कदम उठा रही है. पेट्रोल-डीजल की कीमतों के बाद अब बिजली का टैरिफ बढ़ा दिया है. इसके तहत अब 24.80 रुपए प्रति यूनिट बिजली के लिए खर्च करने पड़ रहे हैं, वह भी जब पाकिस्तान की अवाम झुलसाने वाली गर्मी से बेहाल है. आलम यह आ पहुंचा है कि सफारी जू में पल रहे जंगल के राजा के भोजन के पैसे भी सफारी प्रशासन के पास नहीं हैं. ऐसे में लाहौर सफारी जू जंगल के राजा को महज डेढ़ लाख रुपए में बेचने की तैयारी में है, जबकि लाहौर में ही अच्छी नस्ल की भैंस की कीमत शेर की कीमत से तीन गुना है.
भैंस 3.5 से 10 लाख रुपए में
समा टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में जंगल के राजा शेर को भैंस से भी सस्ती कीमत पर खरीदा जा सकता है. लाहौर सफारी चिड़ियाघर का प्रशासन अपने कुछ अफ्रीकी शेरों को प्रति शेर 150,000 पाकिस्तानी रुपये की मामूली कीमत पर बेचने को तैयार है. इसकी तुलना में ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर एक भैंस 350,000 रुपये से 10 लाख रुपये की मोटी रकम में उपलब्ध है. लाहौर सफारी चिड़ियाघर प्रबंधन की ओर से अगस्त के पहले सप्ताह में अपने 12 शेरों को बेचने की उम्मीद है, ताकि पैसा जुटाया जा सके. बिक्री के लिए तीन शेरनी हैं, जिन्हें निजी आवास योजनाओं या पशुपालन के प्रति उत्साही लोगों को काफी किफायती कीमतों पर बेचा जा सकता है.
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बीते साल भी बेचे गए थे 14 शेर
समा टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, चिड़ियाघर प्रशासन ने चिड़ियाघर में जानवरों के रखरखाव की बढ़ती लागत और अन्य खर्चों को पूरा करने के लिए उनके जानवरों को बेचने का फैसला किया है. लाहौर का सफारी चिड़ियाघर देश भर के अन्य चिड़ियाघरों के विपरीत एक विशाल परिसर है. 142 एकड़ में फैले इस परिसर में कई जंगली जानवर हैं. हालांकि इसका गौरव इसकी 40 शेरों की नस्लों पर ही टिका है. इन्हें इसलिए बेचने का विचार किया गया है, क्योंकि न केवल उन्हें प्रबंधित करना मुश्किल है, बल्कि यह काफी महंगा भी है. इसलिए चिड़ियाघर प्रशासन ने कहा कि वे नियमित रूप से कुछ शेरों को बेचते हैं और आय का उपयोग खर्च बढ़ाने के लिए ऐसा करते हैं. पिछले साल सफारी चिड़ियाघर में सीमित जगह बताते हुए 14 शेरों को बेच दिया गया था.
24.80 रुपए की एक यूनिट बिजली
अभी कुछ ही दिन पहले शहबाज शरीफ सरकार के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने लगभग रोना रोते हुए कहा था कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की शर्तों को मानने के बावजूद आईएमएफ ने पहली किस्त जारी नहीं की है. बताते हैं कि आईएमएफ ने आर्थिक पैकेज के लिए पाकिस्तान सरकार से 4 बिलियन डॉलर जुटाने को कहा है, जो 2023 में समाप्त होने वाले चालू वित्तीय वर्ष के फाइनेंस गैप की भरपाई है. इस रकम को जुटाने के लिए शरबाज सरकार सरकारी कंपनियों के शेयर विदेशी कंपनियों को बेचने का फैसला किया है. इसके साथ ही पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भी इजाफा किया गया और अब बिजली के दाम भी बढ़ा दिए गए हैं. हालांकि इन्हें चरणबद्ध तरीके से ब़ाया जाएगा, लेकिन फिर भी अक्टूबर में 24 रुपए 80 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली उपभोक्ताओं को मिलेगी.
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पेट्रोल-डीजल की कीमतें भी आसमान पर
गौरतलब है कि पाकिस्तान की जनता पहले ही डीजल और पेट्रोल के मामले में भारी कीमत चुका रही है. शहबाज सरकार ने जुलाई की शुरुआत में डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ाने का फैसला किया था. इस कड़ी में सरकार ने पेट्रोल पर 10 रुपये प्रति और डीजल व केरोसिन तेल पर 5-5 रुपये प्रति लीटर पेट्रोलियम लेवी लगाई थी. इसके बाद पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमतें बढ़कर 248.74 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई हैं. इसी तरह हाई स्पीड डीजल अभी 276.54 रुपये प्रति लीटर और केरोसिन तेल 230.26 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. यही वजह है कि पाकिस्तान में महंगाई दर पिछले महीने 21.3 फीसदी पर थी, जो एक दशक से ज्यादा समय की सबसे उच्च स्तर है. जाहिर है ऐसे में खर्चे पूरा नहीं कर पाने से लाहौर सफारी जू को जंगल के राजा को भैंस से कम कीमत पर बेचना पड़ रहा है.
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