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Mobile Addiction: क्या मोबाइल की लत आपके बच्चे को बना रही मा​नसिक रोगी? जानें दूर करने के ये उपाय

Mobile Addiction: बच्चे मोबाइल गेम की लत में इतना गहरा उतर चुके हैं कि वे कुछ पल के लिए भी इससे दूर नहीं हो पाए हैं. ऐसा ही एक मामला पश्चिम अहमदाबाद के क्षेत्र का है

Updated on: 19 Jun 2023, 06:18 PM

नई दिल्ली:

आज कल के दौर में मोबाइल एक तरफ आपकी मदद कर रहा है. वहीं इसकी लत के कारण कई जिंदगियां तबाह भी हो रही हैंं. खास तौर पर बच्चों पर मोबाइल का गहरा असर पड़ा है. काउंसलरों के पास इससे जुड़ी कई कॉलें देखने को मिलती हैं. माता-पिता की शिकायत रहती है कि बच्चे मोबाइल न मिलने की वजह से चिड़चिड़े हो गए हैं. वे मोबाइल गेम की लत में इतना गहरा उतर चुके हैं कि वे कुछ पल के लिए भी इससे दूर नहीं रह सकते हैं. ऐसा ही एक मामला पश्चिम अहमदाबाद के क्षेत्र का है. यहां पर एक 13 वर्षीय बच्ची ने अपनी मां को मारने की साजिश रच डाली. बात सिर्फ इतनी सी थी कि मां ने बच्ची से मोबाइल छीन लिया था और उसे इससे दूर रहने को कहा था. 45 वर्षीय मां सुरभी अग्रवाल (बदला हुआ नाम) ने बताया कि अक्सर चीनी के कंटनेटर में  कीटनाशक पाउडर और बाथरूम के फर्श पर फिनायल जैसे पदार्थ को देखकर वह चौंक गई.

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जब उसने इस पर गौर किया तो पता चला कि इसके पीछे उसकी 13 साल की बेटी का हाथ था. उसने मां को जान से मारने की धमकी दी थी. इस तरह की घटनाओं के समाधान को लेकर मां ने हेल्पलाइन पर कॉल किया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक काउंसलर ने कहा कि लड़की की मां ने उसका मोबाइल छीनकर रख लिया था. इस कारण किशोरी हिंसक हो गई. काउंसलर का कहना है कि लगातार मोबाइल के उपयोग करने की वजह से ​किशोरी इसकी एडिक्ट हो चुकी है. जब मां ने उससे मोबाइल छीना तो किशोरी ने माता-पिता को चोट पहुंचानी चाही. वह यह चाहती थी कि मां कीटनाशक वाली चीनी को खा ले या फर्श पर वह फिसल जाए और उसे सिर पर गहरी चोट लगे. 

लड़की की मां ने कुछ पहले ही किशोरी से फोन छीना था और उसकी जमकर पिटाई की थी. वहीं किशोरी के माता-पिता का कहना है कि लड़की करीब पूरी रात फोन को चलाती थी. वह ऑनलाइन दोस्तों पर चैट को लेकर जुटी रहती थी. सोशल मीडिया पर रील या पोस्ट को देखते हुए वक्त बिताया करती थी. उसकी पढ़ाई पर असर हो रहा था. इसके साथ उसका सामाजिक जीवन भी असंतुलित था. 

इस पर विशेषज्ञों का कहना है ​कि यह कोई अकेला मामला नहीं है. 2020 में कोविड महामारी आने के बाद इस तरह के मामलों ने तेजी पकड़ी थी. पहले जहां मात्र 3-4 कॉल ही ऐसे आते थे. मगर बीते कुछ वर्षों में ये कॉलें 12-15 तक पहुंच गईं. बच्चों को इस लत से दूर करने के लिए ये उपाय किए जा सकते हैं. 

  • बच्चे को बाहर ले जाएं और स्पोटर्स ​एक्टिविटी में डालें. 
  • अकेले होने पर उससे बातचीत करने की कोशिश करें. 
  • कभी भी बच्चे को अकेले घर पर न छोड़ें, किसी अभिभावक को साथ में रखें. 
  • बच्चे से टच में रहना है तो उन्हें बटन वाले मोबाइल फोन दें. 
  • बच्चे  को मोबाइल गेमिंग से दूर रखने के लिए उनके साथ इंडोर गेम्स खेलें. ऐसे कई गेम मार्केट में हैं जो बच्चों को दिमागी रूप से मजबूत बनाते हैं.  
  • बच्चों से हमेशा अलग-अ​लग विषय पर बात करें, ताकि उनके अंदर चल रहे विचारों को आप जान सकें.