जापानी इंसेफेलाइटिस का कहर, असम में अब तक हुई इतनी मौत
जापानी इंसेफेलाइटिस के नगांव में सबसे अधिक 44 मामले आए हैं. इसके अलावा जोरहाट में 39 और गोलाघाट में 34 मरीजों की पुष्टि हुई है.
highlights
- जापानी इंसेफेलाइटिस के नगांव में सबसे अधिक 44 मामले आए हैं
- सिरदर्द, तेज़ बुखार, कोमा में जाना, कंपकंपी और आक्षेप जैसे लक्षण
- राज्य में 294 लोगों के इस बीमारी के चपेट में आने की पुष्टि
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश और बिहार में वर्षों तक कहर मचाने वाला जापानी बुखार अब पूर्वोत्तर के असम में कहर बरपा रहा है. राज्य में अब तक इस रहस्मयी बुखार से 47 व्यक्तिओं की मौत हो चुकी है. राज्य में शुक्रवार को जापानी इंसेफेलाइटिस से तीन और लोगों की मौत हो गयी. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के मुताबिक शुक्रवार को जापानी इंसेफेलाइटिस के सात नए मामले आए जिन्हें मिलाकर अबतक राज्य में 294 लोगों के इस बीमारी के चपेट में आने की पुष्टि हो चुकी है.
बुलेटिन के मुताबिक शुक्रवार को बारपेटा, चिरांग और दर्रांग जिले में एक-एक मरीज की मौत हुई है. एनएचएम ने बताया कि शुक्रवार को आए सात नए मामलों में जोरहाट के दो और बोगाईगांव, चराईदेव, दर्रांग, डिब्रूगढ़ और कोकराझार के एक-एक मरीज शामिल हैं. बुलेटिन के मुताबिक दक्षिण सालमारा, दीमा हसाओ और कार्बी आंगलोंग को छोड़कर राज्य के सभी जिले इस बीमारी से प्रभावित हैं.
नगांव में आए जापानी इंसेफेलाइटिस के सबसे अधिक मामले
जापानी इंसेफेलाइटिस के नगांव में सबसे अधिक 44 मामले आए हैं. इसके अलावा जोरहाट में 39 और गोलाघाट में 34 मरीजों की पुष्टि हुई है. एनएचएम के मुताबिक मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर राज्य के सभी नौ मेडिकल कॉलेज और 10 जिला अस्पतालों को आईसीयू और प्रयोगशाला जांच की सुविधा के साथ तैयार रखा गया है.
जापानी इंसेफेलाइटिस क्या है?
यह फ्लेविवायरस के कारण होने वाली एक बीमारी है, जो मस्तिष्क के आसपास की झिल्लियों को प्रभावित करती है. जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस (JEV) भी भारत में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES)का एक प्रमुख कारण है. यह रोग क्यूलेक्स प्रजाति के संक्रमित मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलता है. ये मच्छर मुख्य रूप से चावल के खेतों और जलीय वनस्पतियों से भरपूर बड़े जल निकायों में प्रजनन करते हैं. समुदाय में सुअरों के साथ प्रवासी पक्षी भी एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस के संचरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
जापानी इंसेफेलाइटिस के लक्षण
जेई (JE) से संक्रमित अधिकांश लोगों में लक्षण नहीं दिखाई देते हैं या केवल हल्के लक्षण होते हैं. हालांकि संक्रमित लोगों के एक छोटे प्रतिशत में मस्तिष्क की सूजन (Encephalitis) की समस्या देखी जाती है, जिसमें अचानक सिरदर्द, तेज़ बुखार, कोमा में जाना, कंपकंपी और आक्षेप जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.
यह भी पढ़ें: Parliament Monsoon Session: हंगामे की भेंट चढ़े Taxpayers के 100 करोड़
जापानी इंसेफेलाइटिस का इलाज
JE के रोगियों के लिये कोई एंटीवायरल उपचार नहीं है. उपलब्ध उपचार केवल लक्षणों को दूर करने और रोगी को स्थिर करने में सहायक हैं. रोग से बचाव के लिये सुरक्षित और प्रभावी JE टीके उपलब्ध हैं. भारत में JE वैक्सीन के साथ सामूहिक टीकाकरण वर्ष 2005 में बड़े प्रकोप के बाद चरणबद्ध तरीके से शुरू किया गया था. भारत सरकार के यूनिवर्सल इम्यूनाइज़ेशन प्रोग्राम में JE टीकाकरण भी शामिल है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Bipasha Basu Anniversary: मॉरिशस में एनिवर्सरी मना रहे हैं बिपाशा बसु और करण ग्रोवर, देखें क्यूट वीडियो
-
Rishi Kapoor Anniversary: 'आप हमेशा साथ हैं...ऋषि कपूर की पुण्यतिथि पर बेटी रिद्धिमा और नीतू कपूर ने किया याद
-
Alia-Ranbir Kapoor: स्पोर्ट्स लुक में मैच एंजॉय करते दिखे आलिया-रणबीर, क्यूट फोटो वायरल
धर्म-कर्म
-
Guru Gochar 2024 Kuber Yog: कल इन राशियों में बनने जा रहा है कुबेर योग, अचानक मिलेगा छप्पड़फाड़ धन
-
Love Rashifal 30 April 2024: इन राशियों की लव लाइफ में आएगी बड़ी परेशानी, जानें अपनी राशि का हाल
-
Aaj Ka Panchang 30 April 2024: क्या है 30 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
May Vehicle Purchase Muhurat: मई 2024 में खरीदना चाहते हैं वाहन? तो पहले जान लीजिए शुभ मुहूर्त