जानें अपने अधिकार: ट्रैफ़िक हवलदार नहीं निकाल सकता आपके गाड़ी की चाबी
किसी भी ट्रैफ़िक हवलदार के पास आपकी गाड़ी से चाबी निकालने का अधिकार नहीं है। इतना ही नहीं ट्रैफ़िक हवलदार आपकी गाड़ी को रोक कर आपसे पेपर दिखाने की भी मांग नहीं कर सकता।
highlights
- ट्रैफ़िक पुलिस वाला बिना वर्दी पहने आपका चालान नहीं काट सकता
- हेड कॉन्स्टेबल 100 रुपये तक का फ़ाइन ही ले सकता है इसके अलावा वो सिर्फ गाड़ी का नंबर नोट कर सकता है
नई दिल्ली:
यातायात नियम को लेकर लोगों के मन में बहुत सारी भ्रांतियां है। जैसे कि क्या कोई ट्रैफ़िक पुलिस आपकी गाड़ी से चाबी निकाल सकता है? आइए जानते हैं ट्रैफ़िक से जुड़े कुछ ऐसे ही ख़ास नियम।
किसी भी ट्रैफ़िक हवलदार के पास आपकी गाड़ी से चाबी निकालने का अधिकार नहीं है। इतना ही नहीं ट्रैफ़िक हवलदार आपकी गाड़ी को रोक कर आपसे पेपर दिखाने की भी मांग नहीं कर सकता।
ट्रैफ़िक पुलिस वाला बिना वर्दी पहने आपका चालान नहीं काट सकता।
बता दें कि ट्रैफ़िक पुलिस में कॉन्स्टेबल से लेकर एसआई तक सभी सफेद रंग की वर्दी पहनते हैं, वहीं ट्रैफ़िक इंस्पेक्टर और उससे बड़े पद के अधिकारी ख़ाकी वर्दी।
हेड कॉन्स्टेबल 100 रुपये तक का फ़ाइन ही ले सकता है इसके अलावा वो सिर्फ गाड़ी का नंबर नोट कर सकता है। इंडियन मोटर व्हीकल एक्ट, सेक्शन 132 के तहत इससे ज़्यादा का जुर्माना ट्रैफ़िक ऑफिसर यानी एएसआई या एसआई ही वसूल कर सकता है।
अगर कोई व्यक्ति सड़क पर नियम तोड़कर भाग जाता है तो उस स्थिति में पुलिस गाड़ी का नंबर नोट कर घर पर चालान भिजवा देती है। आपको जुर्माना भरने के लिए एक महीने का वक़्त दिया जाता है। जुर्माना अगर समय पर नहीं भरा गया तो उस स्थिति में चालान कोर्ट भेज दिया जाता है।
कोर्ट के चालान आमतौर पर क़ानून तोड़ने की गंभीर घटनाओं में काटे जाते हैं और इस स्थिति में जुर्माना और सज़ा दोनों का प्रावधान है।
और पढ़ें: जानें अपना अधिकार: ट्रैफ़िक में चालान कटने पर नक़द पैसा देना ज़रूरी नहीं
शराब पीकर गाड़ी चलाना भी गंभीर अपराध के श्रेणी में आता है। और ऐसे हालात में भी जुर्माना भरने के लिए कोर्ट जाना होता है, इस तरह के मामले में पुलिस आपसे ऑन द स्पॉट चालान नहीं ले सकती।
अगर किसी अन्य मामले में भी आप ऑन द स्पॉट फाइन नहीं दे पाते हैं तो आपको कोर्ट में जाकर चालान भरना होगा। इस तरह की परिस्थिति में पुलिस आपका चालान कोर्ट जाने के लिए काटती है और बाद में सुनिश्चित की गई तारीख़ के दिन कोर्ट में पेश होना होता है।
हालांकि इस तरह के केस में पुलिसवाला आपका ओरिजनल डीएल (ड्राइविंग लाइसेंस) रखकर एक रिसीविंग रसीद देता है, जिसे आप कोर्ट में पेश होने के बाद जुर्माना भर कर वापस पा सकते हैं।
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