बिहार में 'ऑपरेशन लालटेन' फेल, जानिए नीतीश ने कैसे पलटी तेजस्वी की चाल
लालू परिवार ने फ्लोर टेस्ट से पहले अपने आवास पर विधायकों की बाड़ाबंदी भी कर ली थी. इतना ही नहीं नीतीश के कई विधायक भी कल हुई उनकी बैठक से भी नदारद दिखे, लेकिन नीतीश कुमार ने आधी रात में बाजी पलट कर रख दी.
नई दिल्ली:
आखिरकार....बिहार विधानसभा में नीतीश कुमार ने फ्लोर टेस्ट में विपक्ष पर विजय हासिल कर ही ली. नीतीश ने अपने पक्ष में 129 वोट जुटाए. वहीं, विपक्षी दल आरजेडी खिसियानी बिल्ली खंभा नोंचे की तर्ज पर सदन से वॉक आउट कर दिया. हालांकि, फ्लोर टेस्ट के कुछ घंटे पहले तक पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ये जरुर कहते और दावा करते नजर आए कि राज्य में खेला होने वाला है. जिस बात की चर्चा सियासी गलियारों में भी थी कि आपरेशन लालटेन.कहीं नीतीश की जेडीयू और बीजेपी की बत्ती ना बुझा दे ,लेकिन ऑपरेशन लालटेन पूरी तरह. वेंटिलेटर पर नजर आया. कोशिश पूरी की गई. लालू परिवार ने फ्लोर टेस्ट से पहले अपने आवास पर विधायकों की बाड़ाबंदी भी कर ली थी. इतना ही नहीं नीतीश के कई विधायक भी कल हुई उनकी बैठक से भी नदारद दिखे. सिर्फ नदारद ही नहीं रहे बल्कि उनमें से तीन विधायकों के तो फोन भी स्विच ऑफ कर दिए थे. जिसके बाद से चर्चा तेज होने लगी थी कि ये विधायक कल से फ्लोर टेस्ट से पहले तेजस्वी के पाले में जाकर नीतीश को धोखा दे सकते हैं, . ऐसे में सियासी सवाल गरमाया कि आखिर रात भर में ही नीतीश कुमार ने ऐसा क्या कर दिया कि बिहार में ऑपरेशन लालटेन फ्लॉप हो गया और सदन की सारी चकाचौंध नीतीश अपने पाले में ले आए. तो आइए समझाते हैं नीतीश कुमार ने आधी रात में कैसे बाजी पलट दी. पांच प्वाइंट्स में समझिए नीतीश ने ऑपरेशन लालटेन को कैसे रोका.
1. सबसे पहले बात आरजेडी विधायक चेतन आनंद का राजद से इस्तीफे की. नीतीश कुमार ने आनंद मोहन के बेटे और अनंत सिंह की पत्नी को साध लिया. दोनों आरजेडी गुट में शामिल थे. अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी मोकामा से विधायक हैं, जबकि आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद शिवहर से. दोनों को लालू परिवार का करीबी माना जा रहा था. दोनों के नीतीश कुमार के पाले में चले जाने से ऑपरेशन लालटेन की रोशनी कम हो गई . ये नीतीश कुमार की राजनीतिक रणनीति का ही हिस्सा रहा कि विपक्षी नेता प्रह्लाद यादव भी सत्ता पक्ष में बैठे दिखे.
यह भी पढ़ें: Floor Test in Bihar: नीतीश कुमार ने विपक्ष को जमकर लताड़ा, बताई सरकार गिराने की वजह
फ्लोर टेस्ट से पहले चेतन आनंद सत्ता पक्ष में शामिल हो गए. उसके बाद उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव मेरे बड़े भाई हैं. मैं उनकी इज्जत करता हूं, लेकिन पार्टी में जिस तरह से मुझे अपमानित किया गया और जो मैने सहा है ये किसी से छिपा नहीं है इसमें पार्टी के कुछ ऐसे लोग शामिल हैं जो सिर्फ चाटुकारिता करके आगे बढ़ें हैं. ऐसे लोग से मेरा दिल दुखी हो गया था .
2. नाराज विधायकों से नीतीश ने रविवार को बात की जब नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बैठक हुई तब कुछ विधायक इसमें शामिल नहीं हुए थे. खबर उड़ने लगी कि विधायक नीतीश कुमार से नाराज चल रहे हैं. इसके बाद नीतीश कुमार ने सभी नाराज विधायकों से खुद फोन पर बात की और उन्हें बिहार विधानसभा में पहुंचने का आदेश भी दिया और आग्रह भी किया. नीतीश कुमार ने नाराज विधायकों की सभी बातें सुनी और कहा कि आपकी बातों पर विचार किया जाएगा. तब सभी विधायक सोमवार को विधानसभा पहुंचे.
3. बिहार में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के चार विधायक हैं और इन विधायकों ने बहुमत साबित कराने में अहम भूमिका निभाई, क्योंकि जीतन राम मांझी भी नाराज चल रहे थे. लेकिन फ्लोर टेस्ट के एक दिन पहले 6 विधायक दूरी बना गए . उन्होंने राज्य मंत्री श्रवण कुमार के आवास पर पार्टी विधायकों के लिए आयोजित भोज में भी हिस्सा नहीं लिया. इसपर नीतीश कुमार ने संज्ञान लिया जिसका नतीजा हुआ कि इनमें से 3 विधायक उसी दिन लौट आए. बाकी विधायकों से नीतीश ने बात कर उन्हें विधानसभा पहुंचने की अपील की.
4. नाराज जीतन राम मांझी को कैसे मनाया गया ये भी सिय़ासी गेम समझिए . नीतीश कुमार ने फ्लोर टेस्ट से एक दिन पहले नाराज मांझी को मनाने का जिम्मा खुद नहीं उठाया बल्कि यह काम केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय सौंपा. नित्यानंद राय ने जीतन राम मांझी से लंबी बातचीत की और गठबंधन सरकार को समर्थन करने का आग्रह किया. जिसका परिणाम ये हुआ कि फ्लोर टेस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी शामिल हुए. नीतीश सरकार को समर्थन कर रहे जीतन राम मांझी पार्टी के चार विधायक हैं इसमें बात हुई थी कि हम के दो विधायक को मंत्री बनाया जाएगा, लेकिन इसमें सिर्फ मांझी के बेटे संतोष सुमन को मंत्री बनाया गया. इससे मांझी नाराज चल रहे थे. नित्यानंद राय ने इस रणनीति पर चर्चा की और उन्हें मनाकर फ्लोर टेस्ट में शामिल किया.
5. 243 सीट वाली बिहार विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 122 होना चाहिए. इसमें एनडीए के 129 सीटें हैं. एनडीए ने 129 सीटों के साथ बहुमत हासिल कर लिया जबकि महागठबंधन के पास सिर्फ 112 सीट. इसमें राजद के 76, कांग्रेस के 19 और अन्य के1 सीट है.
लोगों के हित में काम करते रहेंगे- नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में पेश विश्वास प्रस्ताव पर जवाब देते हुए कहा कि हम विकास का काम और लोगों के हित में करते रहेंगे. 2021 में सात निश्चय शुरू किया, आज कितना फायदा हुआ है. इसको हम सब जारी रखे हैं.उन्होंने कहा कि समाज के हर तबके का ध्यान रखेंगे. आजतक जब ये पार्टी हम लोगों के साथ थी, कभी इधर उधर नहीं किया. अभी भी आप एक ही जगह सबको रखे हुए थे. कहां से पैसा आया, हम सब जांच करवाएंगे. और याद रखिएगा, आप लोगों की पार्टी ठीक नहीं कर रही है, गौर कर लीजिएगा. इधर वाला सब आपका साथ देगा. आपको जब कोई समस्या हो, आकर मिलिएगा और आपकी समस्या का समाधान हम करेंगे. हम सबका ख्याल रखेंगे. लेकिन राज्य के हित में काम कर रहे हैं, राज्य के हित में काम होगा. हम ही तीन लोग साथ रहेंगे और तीनों काम करेंगे.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Vindu Dara Singh Birthday: मुस्लिम लड़की से शादी करके पछताए विंदू दारा सिंह, विवादों में रही पर्सनल लाइफ
-
Heeramandi: सपने में आकर डराते थे भंसाली, हीरामंडी के उस्ताद इंद्रेश मलिक ने क्यों कही ये बात
-
Sonali Bendre On South Cinema: बहुत मुश्किल है साउथ फिल्मों में काम करना, सोनाली बेंद्रे ने क्यों कही ये बात?
धर्म-कर्म
-
Shani Jayanti 2024: ये 4 राशियां हैं शनिदेव को बहुत प्रिय, शनि जयंती से इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन!
-
Aaj Ka Panchang 6 May 2024: क्या है 6 मई 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल
-
Love Rashifal 6 May 2024: इन राशियों का आज पार्टनर से हो सकता है झगड़ा, जानें अपनी राशि का हाल
-
Somwar Ke Upay: सोमवार के दिन करें ये चमत्कारी उपाय, शिव जी हो जाएंगे बेहद प्रसन्न!