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Mission 2024: गुजरात हाई कोर्ट से राहुल गांधी को नहीं मिशन 2024 को लगा झटका, ये 5 सवाल BJP को देंगे राहत

Mission 2024: राहुल गांधी के लोकसभा चुनाव ना लड़ पाने से ना सिर्फ कांग्रेस बल्कि विपक्ष के लिए भी बड़ा झटका है, अब प्रधानमंत्री पद के लिए संयुक्त चेहरे से लेकर कई और सवाल विपक्षी एकता को कर सकते हैं कमजोर

Updated on: 07 Jul 2023, 02:28 PM

highlights

  • राहुल गांधी को गुजरात हाई कोर्ट से लगा बड़ा झटका
  • मोदी सरनेम मामले में हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को रखा बरकरार
  • अब राहुल गांधी ही नहीं विपक्षी एकता का मिशन 2024 भी हुआ कमजोर

नई दिल्ली:

Mission 2024: गुजरात हाई कोर्ट ने शुक्रवार को एक अहम फैसला सुनाया. ये फैसला इसलिए अहम है क्योंकि इस निर्णय ने भारतीय राजनीति में भी भूचाल ला दिया है. दरअसल गुजरात हाई कोर्ट ने मोदी सरनेम केस में कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी को राहत नहीं दी बल्कि एक बड़ा झटका दे दिया. हाई कोर्ट ने इस मामले में राहुल गांधी की ओर दाखिल याचिका को खारिज करते हुए निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है. अब इस फैसले के तहत राहुल गांधी को दो साल की सजा का प्रावधान है. इससे भी ज्यादा अहम ये कि वह आगामी लोकसभा चुनाव जो 2024 में होना है नहीं लड़ पाएंगे. 

अब यहां खास बात यह है कि राहुल गांधी के लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने के चलते 5 ऐसे सवाल खड़े हो गए हैं जिनमें कांग्रेस समेत विपक्ष का मिशन 24 भी अटक गया है. वहीं इन पांच सवालों ने भारतीय जनता पार्टी के खेमे में मुस्कान बिखेर दी है. आइए जानते हैं कि आखिर ये पांच सवाल क्या है और क्यों इससे कांग्रेस से लेकर विपक्ष और बीजेपी सभी जुड़े हुए हैं. 

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इन 5 सवालों के फेरे में अटका मिशन 2024

1. कांग्रेस का क्या होगा
कांग्रेस बीते 10 वर्षों से केंद्र की सत्ता से बाहर है. लगातार प्रयास के बाद भी पार्टी को ज्यादा कामयाबी नहीं मिली. लेकिन इस बार जब कांग्रेस राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा की तो उम्मीद बंधी कि उनकी अगुवाई में कांग्रेस 2024 के लोकसभा चुनाव लड़ और जीत सकती है. भारत जोड़ो यात्रा को अच्छा रेस्पॉन्स भी मिला था. लेकिन अब राहुल गांधी पर मोदी सरनेम केस के चलते जो मामला चल रहा है उसकी वजह से ना तो वे लोकसभा चुनाव लड़ पाएंगे और ना ही उनकी लोकसभा सदस्यता रहेगी. ऐसे में अगर राहुल गांधी ही चुनाव नहीं लड़ पाएंगे तो कांग्रेस के लिए मिशन 2024 की राह काफी मुश्किल हो सकती है. यानी अब आगे कांग्रेस का क्या होगा? 

2. 2024 में पीएम फेस कौन होगा
बीजेपी के पास जिस तरह नरेंद्र मोदी के चेहरे की कोई काट नहीं है उसी तरह विपक्ष के पास भी फिलहाल राहुल गांधी के अलावा कोई दूसरा चेहरा नहीं है. एक राहुल गांधी ही है जो लगातार पीएम मोदी केंद्र को घेरते रहते हैं फिर चाहे वो महंगाई हो, बेरोजगारी हो या फिर कोई अन्य मुद्दा. अब अगर राहुल गांधी ही चुनाव नहीं लड़ सकेंगे तो मोदी के सामने पीएम फेस को खड़ा करना भी एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है. 

3. प्रियंका को मिलेगी राहुल की जगह
कांग्रेस के लिए ये लोकसभा चुनाव एक बड़ा मौका है जब वो अपना प्रदर्शन सुधार सकती है. अगर ये प्रदर्शन नहीं सुधरा तो आगे की राह और मुश्किल हो सकती है. इसके लिए हालांकि पार्टी के सामने तीन बड़े विधानसभा चुनाव भी है जिनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ है. इन तीन में से राजस्थान में पार्टी की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है और मध्य प्रदेश भी कांटे की टक्कर वाला राज्य है. ऐसे में लोकसभा चुनाव से ही कांग्रेस की नैया पार हो सकती है. अब अगर राहुल गांधी नहीं तो क्या प्रियंका गांधी उनकी जगह ले पाएंगे. क्योंकि राहुल के मुकाबले प्रियंका का कद अभी उतना बड़ा नहीं हुआ है. लेकिन कांग्रेस के पास विकल्प के तौर पर एक ये ही चेहरा हो सकता है. हालांकि ये आने वाले दिनों में ही तय होगा कि प्रियंका गांधी को कांग्रेस आगे बढ़ाकर पीएम फेस में कनवर्ट कर पाती है या नहीं. 

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4. विपक्ष में कांग्रेस की पकड़ होगी कमजोर
राजनीतिक जानकारों की मानें तो राहुल गांधी के चुनाव ना लड़ पाने से कांग्रेस को बड़ा झटका लगेगा. इससे ना सिर्फ कांग्रेस कमजोर होगी बल्कि विपक्ष की एकता को भी झटका लग सकता है. दरअसल विपक्ष में कांग्रेस ही सबसे बड़ी पार्टी है और कांग्रेस ये कभी नहीं चाहेगी कि पीएम फेस कांग्रेस से हटकर किसी दल से हो. ऐसे में जब कांग्रेस का पूरा समर्थन नहीं मिलेगा तो बीजेपी के आगे विपक्षी की ताकत का कमजोर होना तय है. 

5. विपक्ष से अब संयुक्त चेहरा किसका होगा
विपक्ष की एकता को लेकर लगातार बैठकों का दौर चल रहा है लेकिन अब तक किसी भी तरह का नतीजा सामने नहीं आया है. भले ही सब मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ने की बात करें लेकिन प्रधानमंत्री पद के लिए संयुक्त चेहरा कहां से लाया जाएगा. राहुल गांधी एक ऐसा चेहरा था जो लगातार नरेंद्र मोदी को चुनौती दे रहा था. हालांकि चुनौती ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल और नीतीश कुमार भी दे रहे हैं. लेकिन ऐसा मुमकिन नहीं की कांग्रेस इनमें से किसी चेहरे को अपना समर्थन दे. कुल मिलाकर राहुल गांधी चुनाव ना लड़ पाने का खामियाता ना सिर्फ कांग्रेस बल्कि विपक्ष को भी भुगतना पड़ सकता है. 

वहीं दूसरी तरफ राहुल गांधी के चुनाव लड़ने से बीजेपी को कितना नुकसान होता ये कह पाना भी काफी मुश्किल है. लेकिन ये तो तय है कि अगर राहुल गांधी चुनाव ही नहीं लड़ते हैं तो इसका फायदा जरूर बीजेपी को मिलेगी. ऊपर 5 सवालों से ही ये समझ आ जाता है कि हर सवाल बीजेपी के लिए एक मुस्कान लेकर आया है.