राजनीतिक उठापटक में जब मुख्यमंत्रियों को बनना पड़ा मंत्री, पहले नहीं हैं फडणवीस
देवेंद्र फडणवीस से पहले महाराष्ट्र में कई मुख्यमंत्री मंत्री पद स्वीकर कर चुके हैं. महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रभावशाली नेता अशोक चव्हाण (Ashok Chavan)भी राज्य का मुख्यमंत्री बनने के बाद मंत्री पद स्वीकार किया था.
highlights
- देवेंद्र फडणवीस से पहले महाराष्ट्र में कई मुख्यमंत्री मंत्री पद स्वीकर कर चुके हैं
- बाबूलाल गौर मध्य प्रदेश के 16वें मुख्यमंत्री रहे बाद में मंत्री बने
- पूर्व सीएम अशोक चव्हाण महाविकास अघाड़ी सरकार में भी कैबिनेट मंत्री रहे
नई दिल्ली:
राजनीति को असंभव को संभव बनाने का खेल है. राजनीति के दांव-पेच में कब कौन अर्श से फर्श और फर्श से अर्श पर पहुंच जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता है. महाराष्ट्र में कल तक देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनने जा रहे थे लेकिन बन गए उप-मुख्यमंत्री. शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे मंत्री की बजाए मुख्यमंत्री बन गए. शिंदे का मंत्री से मुख्यमंत्री बनना सहज प्रक्रिया है. लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का उप-मुख्यमंत्री बनना फडणवीस के साथ ही उनके समर्थकों को भी असहज कर रहा है. लेकिन यह महाराष्ट्र और देश की राजनीति में पहली घटना नहीं है.
इससे पहले भी कई मुख्यमंत्री बाद की सरकारों में उप-मुख्यमंत्री और मंत्री पद को स्वीकार किया है. यदि ऐसे मुख्यमंत्रियों की बात की जाए जो बाद में उपमुख्यमंत्री और राज्य सरकार में मंत्री रहे हैं तो इस सूची में कई नाम हैं. इस सूची में ताजा नाम देवेंद्र फडणवीस का जुड़ गया है. लेकिन इससे पहले तमिलनाडु के ओ पनीरसेल्वम, मध्य प्रदेश के बाबू लाल गौर, महाराष्ट्र के अशोक चव्हाण जैसे कुछ ऐसे नाम हैं जो राजनीतिक उठापटक के कारण मुख्यमंत्री बने और बाद में उन्हें मंत्री बनना पड़ा था.
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री से उप-मुख्यमंत्री या मंत्री
भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस से पहले महाराष्ट्र में कई मुख्यमंत्री मंत्री पद स्वीकर कर चुके हैं. महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रभावशाली नेता अशोक चव्हाण (Ashok Chavan)भी राज्य का मुख्यमंत्री बनने के बाद मंत्री पद स्वीकार किया था. अशोक चव्हाण दिसंबर 2008 से नवंबर 2010 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में भी काम किया. दरअसल, नवंबर 2008 के मुंबई हमलों के बाद, विलासराव देशमुख ने नैतिक जिम्मेदारी ली और इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद चव्हाण को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया. इससे पहले 2003 में वे महाराष्ट्र में विलासराव देशमुख सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे थे और बाद में 2019 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार में भी कैबिनेट मंत्री रहे. इस लिस्ट में नारायण राणे, शंकरराव चव्हाण और शिवाजी राव पाटिल का नाम भी शामिल है.
यह भी पढ़ें: एक नाव पर सवार शिवसेना और अन्नाद्रमुक, चुनाव आयोग किसके हक में करेगा फैसला
तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम
उत्तर भारत ही नहीं दक्षिण भारत में भी पूर्व मुख्यमंत्री को मंत्री बनना पड़ा था. हम बात कर रहे हैं तमिलनाडु के अन्नाद्रमुक नेता सबसे ओ पनीरसेल्वम की. ओ पनीरसेल्वम (O Panneerselvam) तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के वरिष्ठ नेता हैं. वे तीन बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे हैं. एक बार 2001-02 में जब जयललिता को सुप्रीम कोर्ट ने पद धारण करने से रोक दिया था, दूसरी बार 2014-15 में जब जयललिता को उन्हें आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराया गया था और तीसरी बार 2016-17 में जयललिता की मृत्यु के बाद ओ पनीरसेल्वम ने सीएम का पदभार संभाला था. दो महीने बाद उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था. ई पलानीस्वामी और टीम द्वारा एडीएमके पर कब्जा करने के बाद, वह तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री बने.
मध्य प्रदेश में पूर्व सीएम बाबूलाल गौर भी बने थे कैबिनेट मंत्री
मध्य प्रदेश में भी भाजपा के एक मुख्यमंत्री को बाद में मंत्री बनना पड़ा था. बीजेपी के दिवगंत नेता बाबूलाल गौर (Babulal Gaur) मध्य प्रदेश के 16वें मुख्यमंत्री रहे थे. दरअसल, कर्नाटक की हुबली अदालत द्वारा 1994 के हुबली दंगा मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था जिसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. गौर उनके बाद 23 अगस्त 2004 से 29 नवंबर 2005 तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. इसके बाद नवंबर 2005 में शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने थे. 2008 में फिर शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Chouhan) सीएम बने और उनके मंत्रिमंडल में बाबूलाल गौर मंत्री रहे थे.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Weekly Horoscope 29th April to 5th May 2024: सभी 12 राशियों के लिए नया सप्ताह कैसा रहेगा? पढ़ें साप्ताहिक राशिफल
-
Varuthini Ekadashi 2024: शादी में आ रही है बाधा, तो वरुथिनी एकादशी के दिन जरूर दान करें ये चीज
-
Puja Time in Sanatan Dharma: सनातन धर्म के अनुसार ये है पूजा का सही समय, 99% लोग करते हैं गलत
-
Weekly Horoscope: इन राशियों के लिए शुभ नहीं है ये सप्ताह, एक साथ आ सकती हैं कई मुसीबतें