Omicron के लिए तैयार हुई टेस्टिंग KIT, सिर्फ इतनी देर में देगा रिजल्ट
आंतरिक जांच के बाद पता चला है कि यह टेस्टिंग 100 प्रतिशत सटीक है. पिछले साल जुलाई में बोरकाकोटी के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक टीम ने SARS-CoV-2 वायरस को लेकर सफलतापूर्वक समाधान किया था .
highlights
- ICMR-RMRC डिब्रूगढ़ ने इस नए KIT की शोध की है
- सिर्फ 2 घंटे में ओमीक्रॉन वेरिएंट का पता लगाने में सक्षम
- भारत में ओमीक्रॉन के अब तक 33 केस मिल चुके हैं
नई दिल्ली:
Omicron Variant : ओमीक्रॉन वेरिएंट के बढ़ते केस को लेकर वैज्ञानिक पूरी तरह से सचेत हैं. इस नए वेरिएंट को लेकर वैज्ञानिक दिन-रात शोध में जुटे हुए हैं. इस नए वेरिएंट का पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों को एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने एक टेस्टिंग किट तैयार की है जो कुछ घंटों में कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन वेरिएंट का पता लगाने में सक्षम होगी. वैज्ञानिक डॉ. विश्वज्योति बोरकाकोटी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर क्षेत्र के क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (RMRC) के वैज्ञानिकों की एक टीम ने टेस्टिंग किट विकसित की है जो एक नमूने से दो घंटे में ओमीक्रॉन (Omicron) वेरिएंट का पता लगा सकती है.
यह भी पढ़ें : Omicron Variant का खौफ! बड़ी लहर की चपेट में आ सकता है यह देश: स्टडी
डॉ. बोरकाकोटी ने शनिवार को एएनआई के हवाले से कहा, ICMR-RMRC, डिब्रूगढ़ ने नए Omicron वेरिएंट (B.1.1.529) SARS-CoV-2 (COVID-19) का पता लगाने के लिए हाइड्रोलिसिस जांच-आधारित रीयल टाइम RT-PCR परख को डिजाइन और विकसित किया है जो 2 घंटे के भीतर नए वेरिएंट का पता लगा सकता है. उन्होंने कहा, यह काफी महत्वपूर्ण उपलब्धि है क्योंकि अभी तक लक्षित अनुक्रमण के लिए न्यूनतम 36 घंटे और पूरे जीनोम अनुक्रमण के लिए 4 से 5 दिनों की आवश्यकता होती है.
पीपीपी मॉडल पर किट का निर्माण
एएनआई के अनुसार, कोलकाता की एक कंपनी जीसीसी बायोटेक सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर किट का निर्माण कर रही है. किट को स्पाइक प्रोटीन के दो अलग-अलग अत्यधिक विशिष्ट अद्वितीय क्षेत्रों के भीतर SARS-CoV-2 के ओमीक्रॉन वेरिएंट के विशिष्ट सिंथेटिक जीन टुकड़ों के खिलाफ परीक्षण किया गया है और वाइल्ड टाइप के नियंत्रण सिंथेटिक जीन टुकड़ों को भी संदर्भित करता है.
100 प्रतिशत सटीक है जांच
आंतरिक जांच के बाद पता चला है कि यह टेस्टिंग 100 प्रतिशत सटीक है. पिछले साल जुलाई में बोरकाकोटी के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक टीम ने SARS-CoV-2 वायरस को लेकर सफलतापूर्वक समाधान किया था और ऐसा करने से ICMR-RMRC डिब्रूगढ़ यह उपलब्धि हासिल करने वाली देश की तीसरी सरकारी प्रयोगशाला बन गई है.
भारत में ओमीक्रॉन के अब तक 33 केस
दिल्ली समेत कुल पांच राज्यों में ओमीक्रॉन के केस सामने आ चुके हैं. दिल्ली में अब तक दो कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन वेरिएंट का दूसरा मरीज मिलने की पुष्टि हुई है. जिम्बाब्वे से लौटा इस संक्रमित शख्स ने कोविड-19 रोधी दोनों टीके (Covid-19 Vaccine) लिए थे. इसके बावजूद वह संक्रमित पाया गया है. उसने दक्षिण अफ्रीका की भी यात्रा की थी. इस नए मामले के साथ ही भारत में इस वेरिएंट से संक्रमित मरीजों की संख्या 33 हो चुकी है. इनमें महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 17 केस मिले हैं. इसके बाद राजस्थान में 9, गुजरात में 3, कर्नाटक में 2 और अब दिल्ली में भी ये संख्या बढ़कर दो हो चुकी है.
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