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सांसद से लेकर मंत्री तक, सियासी पिच पर भी हुनर आजमा चुके हैं ये टॉप 10 क्रिकेटर

मनोज तिवारी ने साल 2008 में टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया था. आखिरी वनडे मैच जुलाई 2015 में खेला था. भारत के लिए 12 वनडे में कुल 287 रन बनाने वाले मनोज तिवारी ने तीन टी-20 मैच भी खेले हैं.

Updated on: 22 Mar 2022, 04:16 PM

highlights

  • दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) भी रह चुके हैं राज्य सभा सदस्य
  • कई क्रिकेटर से संन्यास लेने के बाद राजनीति में रख चुके हैं कदम
  • पूर्व भारतीय कप्तान अजहरुद्दीन भी मुरादाबाद से रह चुके हैं सांसद

नई दिल्ली:

भारत के दिग्गज क्रिकेटर हरभजन सिंह (Harbhajan singh) ने खेल के बाद अब अपनी नई पारी की शुरुआत की है. वे आम आदमी पार्टी (Aam Admi Party) के राज्यसभा उम्मीदवार चुने गए हैं. टीम इंडिया (Team india) के लिए टेस्ट में 400 से ज्यादा विकेट लेने वाले हरभजन का राज्यसभा (Rajya sabha) जाना करीब-करीब तय है. इससे पहले भारत के दिग्गज क्रिकेट स्टार सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) भी राज्य सभा के सदस्य रह चुके हैं. हालांकि एक राज्यसभा सांसद के तौर पर दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा था. अपने छह साल के पूरे कार्यकाल में सचिन संसद में कम ही नजर आए. इसके अलावा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रहे तेजस्वी यादव (Tejaswi yadav) भी आईपीएल टूर्नामेंट (IPL) के दौरान दिल्ली (Delhi) की टीम का हिस्सा रह चुके हैं. उनके अलावा पूर्व क्रिकेटर दिनेश मोंगिया ने भी बीजेपी ज्वाइन किया था. वर्तमान में पूर्व क्रिकेटर अशोक डिंडा भी विधायक हैं. वह पिछले साल बंगाल चुनाव के दौरान भाजपा के टिकट पर मोयना सीट से चुनाव जीता था. यहां हम उन 10 क्रिकेटरों की चर्चा करेंगे जो न सिर्फ राज्यसभा सांसद नियुक्त हुए बल्कि कुछ सांसद (Member of parliament) चुनाव जीतकर संसद (parliament) के गलियारे तक पहुंच चुके हैं.

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1. मनोज तिवारी

मनोज तिवारी ने साल 2008 में टीम इंडिया के लिए डेब्यू किया था. आखिरी वनडे मैच जुलाई 2015 में खेला था. भारत के लिए 12 वनडे में कुल 287 रन बनाने वाले मनोज तिवारी ने तीन टी-20 मैच भी खेले हैं. लगातार तीसरी बार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनने वाली ममता बनर्जी ने मनोज तिवारी को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी. पहली बार ही विधायक बने तिवारी ने मंत्री पद की शपथ ली थी. खेल और युवा राज्य मंत्री का प्रभार मिलने वाले इस क्रिकेटर ने अपनी पत्नी के साथ चुनाव से ठीक पहले टीएमसी (TMC) का दामन थामा था. हावड़ा के शिबपुर विधानसभा सीट से उन्होंने शानदार जीत दर्ज की थी.

2. गौतम गंभीर

गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) एक समय टीम इंडिया के दिग्गज क्रिकेटर रह चुके थे. क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद वह राजनीति में सक्रिय हो गए. भारतीय क्रिकेटर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से खुद को प्रभावित बताया था. क्रिकेटर गौतम गंभीर मार्च, 2019 में भाजपा में शामिल हुए थे. पूर्व सलामी बल्लेबाज ने 2011 विश्व कप में भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. गौतम गंभीर वर्तमान में दिल्ली से सांसद रह चुके हैं.

3. मोहम्मद अजहरुद्दीन

पूर्व भारतीय कप्तान ने राजनीति में अपना करियर 2009 में शुरू किया जब वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए. उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद संसदीय क्षेत्र से वर्ष 2009 का चुनाव लड़ा और सांसद बने. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में वह हार गए थे. उन्होंने 1990 के दशक के दौरान 47 टेस्ट में भारतीय टीम का नेतृत्व किया. वर्ष 2000 में मैच फिक्सिंग कांड में उनका नाम आने के बाद बीसीसीआई ने उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था. 

4. नवजोत सिंह सिद्धू

नवजोत सिंह सिद्धू हाल ही पंजाब कांग्रेस से इस्तीफा दिया है. वह पंजाब सरकार में पर्यटन, सांस्कृतिक मामलों और संग्रहालय मंत्री का कार्य भी संभाल चुके हैं. उन्होंने वर्ष 2004 में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा में शामिल होकर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और जीत हासिल की. वर्ष 2016 में उन्हें राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया था. हालांकि, भाजपा नेतृत्व के साथ मतभेदों का हवाला देते हुए उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस में शामिल हो गए. वर्ष 2017 में सिद्धू अमृतसर पूर्व सीट से पंजाब विधानसभा के लिए चुने गए थे. उनका क्रिकेट करियर लगभग दो दशक का है.

5. कीर्ति आजाद

कीर्ति आजाद राजनीतिक नेताओं के परिवार से हैं. उनके पिता भागवत झा आजाद एक कांग्रेस नेता थे जो 1988 से 1989 तक बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था. वह 34 वर्ष की आयु में भाजपा में शामिल हो गए और बिहार की दरभंगा सीट से जीतकर दो दशकों से अधिक समय तक पार्टी का प्रतिनिधित्व किया. वर्ष 2015 में आजाद को दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में भ्रष्टाचार को लेकर केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली की आलोचना करने के लिए भाजपा द्वारा निलंबित कर दिया गया था. हालांकि, 2018 में क्रिकेटर ने भगवा पार्टी छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गए.

6. मंसूर अली खान पटौदी

भारत के पूर्व कप्तान मंसूर अली खान पटौदी राजनीति में कूदने और चुनाव लड़ने वाले पहले क्रिकेटर थे. पटौदी को देश के महानतम क्रिकेट कप्तानों में से एक माना जाता है. उन्होंने हरियाणा के भिवानी और मध्यप्रदेश के भोपाल से दो बार लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए.  

7. मोहम्मद कैफ

भारतीय क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ क्षेत्ररक्षकों में से एक के रूप में माने जाने वाले मोहम्मद कैफ कांग्रेस में शामिल हो गए और उत्तर प्रदेश के फूलपुर से 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा. उन्होंने 2000 से 2006 के बीच 125 वनडे और 13 टेस्ट खेले हैं.

8. चेतन चौहान

टेस्ट में सुनील गावस्कर के ओपनिंग पार्टनर रहे चेतन चौहान उत्तर प्रदेश के अमरोहा निर्वाचन क्षेत्र से दो बार सांसद रह चुके हैं. वर्ष 1981 में अपने क्रिकेट करियर के समाप्त होने के बाद वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर राजनीति में चले गए. वह उत्तर प्रदेश में युवा और खेल मंत्री के रूप में कार्यरत थे. 

9. विनोद कांबली

भारत के पूर्व टेस्ट बल्लेबाज विनोद कांबली (vinod Kambli) लोक भारती पार्टी में शामिल हो गए, लेकिन 2009 में विखक्रोली, मुंबई से विधानसभा चुनाव हार गए. वह 1000 टेस्ट रन पूरे करने वाले सबसे तेज भारतीय थे. भारत के पूर्व टेस्ट बल्लेबाज विनोद कांबली अपनी तेजतर्रार बल्लेबाजी के लिए जाने जाते रहे हैं. वह सबसे तेज 1000 टेस्ट रन पूरे करने वाले भारतीय बने थे. कांबली ने अपनी पहली आठ टेस्ट पारियों में दो दोहरे शतक और दो शतक लगाए. उन्होंने राजनीति में अपनी किस्मत आजमाई। लोक भारती पार्टी ने उन्हें अपना उपाध्यक्ष बनाया, लेकिन वे 2009 के विधानसभा चुनाव में विक्रोली (मुंबई) सीट से हार गए. 

10. मनोज प्रभाकर

मनोज प्रभाकर क्रिकेट (cricket) से संन्यास के बाद भाजपा (Bjp) में शामिल हुए. उन्होंने 39 टेस्ट और 130 एकदिवसीय मैचों में भाग लिया जिसमें उन्होंने 3,400 से अधिक रन बनाए और 253 विकेट लिए. मनोज प्रभाकर भारतीय क्रिकेट टीम में एक ऑलराउंडर (Allrounder) थे. उन्होंने 39 टेस्ट और 130 एकदिवसीय मैचों में भाग लिया जिसमें उन्होंने 3,400 से अधिक रन बनाए और 253 विकेट लिए. सेवानिवृत्ति के बाद, वह एक राजनेता बन गए.