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इंटरनेट पुलिस नहीं हो सकती फेसबुक: निक क्लेग

यूजर्स के डेटा को ठीक से संभालने में असफल रही फेसबुक अब अपने प्लेटफॉर्म की सैनिटाइजिंग (अप्रिय हिस्सों की काट-छांट करना) पर ध्यान दे रही है.

Updated on: 07 Oct 2019, 02:00 AM

नई दिल्ली:

यूजर्स के डेटा को ठीक से संभालने में असफल रही फेसबुक अब अपने प्लेटफॉर्म की सैनिटाइजिंग (अप्रिय हिस्सों की काट-छांट करना) पर ध्यान दे रही है. फेसबुक में ग्लोबल अफेयर एंड कम्युनिकेशन्स के वाइस-प्रसिडेंट निक क्लेग अनुसार, सैनिटाइजिंग के स्थान पर वह इंटरनेट पुलिस का काम नहीं कर सकती. स्पेनिश डेली एल पेस को रविवार को दिए साक्षात्कार में क्लेग ने कहा कि कुछ सही है या गलत और क्या अतिश्योक्ति है या झूठा डेटा इन बातों पर ध्यान रखने वाले संगठनों के साथ मिलकर कंपनी काम कर रही है.

उन्होंने कहा, "लेकिन इसके बाद भी हम इंटरनेट पुलिस नहीं बन सकते हैं, और यह नहीं कह सकते कि क्या स्वीकार्य है और क्या बिल्कुल ठीक है." क्लेग ने कहा कि लोग भूल जाते हैं कि फेसबुक बहुत बड़ी होने के साथ-साथ युवा कंपनी भी है. क्लेग ने आगे कहा, "फेसबुक शुरू होने से दो दिन पहले पहली बार रोजर फेडरर टेनिस में नंबर 1 पर थे. फेडरर का जीवन फेसबुक से अधिक लंबा है. इस दौरान फेसबुक तेजी से बढ़ा है और बहुत लोकप्रिय है."

उन्होंने आगे कहा, "जब मैं इसके विकास को देखता हूं, तो मुझे लगता है कि यह बहुत ही शक्तिशाली तकनीक वाली युवा कंपनी है. इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि कंपनी से वह सवाल किए जा रहे हैं, जिसकी हमें उम्मीद नहीं है." क्लेग ने कहा, "कोई यह सोच नहीं सकता था कि रूसी लोग अमेरिकी चुनावों में हस्तक्षेप करने का प्रयत्न करेंगे।"

उन्होंने कहा, "और ना ही कोई यह जानता था कि कैम्ब्रिज एनालिटिका एकेडमी यूजर्स का डेटा बेचेंगे. यह अविश्वसनीय था. हमसे गलती हुई." एक ऐसा सिस्टम विकसित किया जा रहा है जिससे यूजर्स बोर्ड के सामने अपील कर सकेंगे. यह सिस्टम 2020 की पहली छमाई तक उपलब्ध होगा.