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Chandrayaan 3: चंद्रयान-3 चंद्रमा से कुछ ही कदमों की दूरी पर, जानें क्या है अब तक की जर्नी

Chandrayaan 3: भारत ने कई बार स्पेस में अपनी बादशाहत दिखाई है. चंद्रयान-3(Chandrayaan 3) अपनी लैंडिंग से सिर्फ कुछ किलोमीटर की दूरी पर है. माना जा रहा है  कि चंद्रयान-3, 23 अगस्त को भारतीय समय के अनुसार शाम 6 बजकर 4 मिनट पर लैंड करेगा.

Updated on: 21 Aug 2023, 12:50 PM

नई दिल्ली:

Chandrayaan 3: भारत ने कई बार स्पेस में अपनी बादशाहत दिखाई है. चंद्रयान-3(Chandrayaan 3) अपनी लैंडिंग से सिर्फ कुछ किलोमीटर की दूरी पर है. माना जा रहा है  कि चंद्रयान-3, 23 अगस्त को भारतीय समय के अनुसार शाम 6 बजकर 4 मिनट पर लैंड करेगा. सोमवार को लैंडर विक्रम के जरिए चंद्रमा की नई तस्वीरें सामने आई. भारतीय स्पेस अनुसंधान संगठन (ISRO) ने इस संबंध में ट्वीट कर जानकारी दी है. इसरों ने कहा है कि चंद्रयान-3 के लैंडिंग का लाइव प्रसारण डीडी नेशनल पर देख सकते हैं. वहीं इसका लाइव प्रसारण इसरो के अधिकारिक चैनल पर भी देखा जा सकेगा. आज हम आपकों बताएंगे चंद्रयान-3(Chandrayaan 3) की जर्नी, कैसे इसकी शुरुआत हुई, क्या-क्या हुआ इसके बाद, किन चीजों का रखा गया ध्यान.

चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3) की अब तक की यात्रा

6 जुलाई: इसरो ने घोषणा की कि चंद्रयान-3 मिशन 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के दूसरे लॉन्च पैड से लॉन्च होगा.

7 जुलाई: सभी इलेक्ट्रिकल वाहनों का सफलतापूर्वक परीक्षण पूरे किए गए.

11 जुलाई: लॉन्च करने से पहले 24 घंटे का 'लॉन्च रिहर्सल' सफलतापूर्वक पूरा किया गया.

14 जुलाई: इसरो के LVM3 M4 लॉन्च व्हिकल ने चंद्रयान-3 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया. जिसकी जानकारी इसरो ने दी.

15 जुलाई: चंद्रमा की पहली कक्षा में पहुंचने की प्रक्रिया बेंगलुरु में सफल रही. अंतरिक्ष यान 41762 किमी x 173 किमी की कक्षा में पहुंचा.

17 जुलाई: मिशन चंद्रयान -3 ने चंद्रमा की दूसरी कक्षा 41603 किमी x 226 किमी की कक्षा में प्रवेश किया.

22 जुलाई: चंद्रमा की चौथी कक्षा की ओर बढ़ गया. पृथ्वी-बाउंड पेरिजी में उसके जरिए अंतरिक्ष यान को 71351 किमी x 233 किमी की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर लिया.

25 जुलाई: चंद्रमा की एक और कक्षा की ओर सफलतापूर्वक प्रवेश किया.

1 अगस्त: चंद्रयान-3 ने 288 किमी x 369328 किमी की कक्षा के साथ ट्रांसलूनर कक्षा में प्रवेश कर किया. ये एक मील के पत्थर साबित हुआ.

5 अगस्त: अंतरिक्ष यान ने 164 किमी x 18074 किमी पर चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया.

6 अगस्त: अंतरिक्ष यान की कक्षा को चंद्रमा के चारों ओर 170 किमी x 4,313 किमी तक कम कर दिया गया.

9 अगस्त: एक बार फिर अंतरिक्ष यान की कक्षा को 174 किमी x 1437 किमी तक कम किया गया.

14 अगस्त: मिशन ने 151 किमी x 179 किमी कक्षा के गोलाकार कक्षा में प्रवेश किया.

16 अगस्त: अंतरिक्ष यान 153 किमी x 163 किमी की कक्षा में प्रवेश कर गया.

17 अगस्त: लैंडिंग मॉड्यूल, जिसमें विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर शामिल थे, को प्रोप्लसन टेक्निक से अलग कर दिया गया.

18 अगस्त: अंतरिक्ष यान ने सफलतापूर्वक डीबूस्टिंग का काम पूरा किया. इसकी वजह से कक्षा की दूरी 113 किमी x 157 किमी तक कम हो गई. डीबूल्टिंग के जरिए खुद को ऐसी कक्षा में शामिल करना जिससे स्पीड कम किया जा सके. इससे चंद्रमा की निकटतम दूरी 30 और सबसे अधिक दूरी 100 किलोमीटर है. 

20 अगस्त: चंद्रयान-3 ने दूसरा और अंतिम डीबूस्टिंग ऑपरेशन पूरा किया और LM कक्षा को घटाकर 25 किमी x 134 किमी कर दिया. 

23 अगस्त: अगर सब कुछ ठीक रहा और योजना के मुताबिक हुआ तो अंतरिक्ष यान चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा.