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अमेरिका के 96 सैटेलाइट्स के साथ से इसरो ने रचा इतिहास, जानें 10 खास बातें

भारत के लिए यह एक ऐतिहासिक पल है कि क्योंकि पहली बार कोई देश एक रॉकेट से 104 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजने में सफल रहा है।

Updated on: 15 Feb 2017, 04:06 PM

नई दिल्ली:

भारत के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है। पीएसएलवी-सी37 के जरिये इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एक साथ 104 उपग्रहों का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण कर उन्हें कक्षा में स्थापित दिया। भारत के लिए यह एक ऐतिहासिक पल है कि क्योंकि पहली बार कोई देश एक रॉकेट से 104 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजने में सफल रहा है। इन 10 प्वाइंट्स से जाने क्या रहा खास:- 

1-भारत ने इतिहास रचते हए एक ही रॉकेट से अंतरिक्ष में 104 सैटलाइट्स छोड़े गए। इसमे भारत के तीन और 101 विदेशी सैटेलाइट्स शामिल है।

2-इस मिशन के तहत भारत के नैनो सैटलाइट्स- आईएनएस-1ए और आईएनएस-1बी शामिल है।

3-बाकी सैटेलाइट्स में अमेरिका के 96 और इजरायल, हॉलैंड, यूएई, स्विट्जरलैंड और कजाकिस्तान का एक-एक हैं।

4-अमेरिका के 96 में सैन फ्रांसिस्को की एक कंपनी के 88 छोटे सैटेलाइट लॉन्च किए गए।

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5-इन सभी सैटलाइट्स को पीएसएलवी-सी37 की मदद से छोड़ा गया। यह इस रॉकेट का 39वां मिशन होगा।

6-PSLV-37 का वज़न 320 टन, ऊंचाई 44.4 मीटर है। यह रॉकेट 15 मंजिला इमारत जितना ऊंचा है। 

7-9 बजकर 28 मिनट पर 104 सैटेलाइट्स का प्रक्षेपण हुआ। और 10: 02 मिनट पर इसरो की ओर से इस मिशन के कामयाब होने का ऐलान कर दिया गया।

8-भारत अपने मिशन में कामयाब होते हुए है मिशन को सफल बनाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है।

9-अभी तक यह रिकार्ड रूस के नाम था, जो 2014 में 37 सैटेलाइट एक साथ भेजने में कामयाब रहा था।

10-कार्टोसेट-2 सीरीज का उपग्रह धरती की निगरानी के इस्तेमाल में आएगा। 88 छोटे सैटेलाइटों का इस्तेमाल धरती की तस्वीरों के लिए किया जाएगा।