प्रदोष व्रत 2017: जानें कैसे करें भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा
भगवान शिव का ध्यान करने के बाद बेल पत्र, चावल, फूल, पान-सुपारी चढ़ाकर दीप दिखाएं।
नई दिल्ली:
प्रदोष व्रत या भौम प्रदोष व्रत मंगलवार को मनाया जा रहा है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है। इस व्रत को रखने से लंबे समय के कर्ज से मुक्ति मिलती है।
यह व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। व्रती को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद भगवान शिव का ध्यान करें। वैसे तो महादेव को ही मुख्य देवता माना जाता है, लेकिन उनके साथ उनकी पत्नी देवी पार्वती की भी पूजा होती है।
ये भी पढ़ें: रमजान: जानिए, क्यों रखते है रोजे और रमादान से जुड़ी मान्यताएं
कैसे करें पूजा
भगवान शिव का ध्यान करने के बाद बेल पत्र, चावल, फूल, पान-सुपारी चढ़ाकर दीप दिखाएं। दिन भर शिव मंत्र का जाप करें। आप 'ओम नम: शिवाय' या 'ऊं त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टि वर्धनम' मंत्र का जाप कर सकते हैं।
हनुमान चालीसा का करें पाठ
दिनभर व्रत रखने के बाद शाम को शिव की पूजा करें। हनुमान चालीसा का पाठ करना भी लाभदायी होता है। इस व्रत को करने से मंगल ग्रह भी शांत होता है। वहीं हर तरह का दोष मिट जाता है।
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
-
Arti Singh Wedding: आरती की शादी में पहुंचे गोविंदा, मामा के आने पर भावुक हुए कृष्णा अभिषेक, कही ये बातें
धर्म-कर्म
-
May 2024 Annaprashan Muhurat: अन्नप्राशन मई 2024 में कब-कब कर सकते हैं ? यहां जानें सही डेट और शुभ मुहूर्त
-
Saturday Jyotish Upay: शनिवार के दिन की गई यह एक गलती शनिदेव की कर सकती है नाराज, रखें ध्यान
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी
-
Ganga Saptami 2024 Date: कब मनाई जाएगी गंगा सप्तमी? जानें शुभ मूहूर्त, महत्व और मंत्र