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Yogini Ekadashi Yog 2023 : इस दिन बनने जा रहा है गजकेसरी-बुधादित्य योग, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

इस बार योगिनी एकादशी दिनांक 14 जून दिन बुधवार को है. वहीं इस साल योगिनी एकादशी के दिन दो शुभ योग का निर्माण भी होने जा रहा है.

Updated on: 14 Jun 2023, 06:18 AM

नई दिल्ली :

Yogini Ekadashi Yog 2023 : इस बार योगिनी एकादशी दिनांक 14 जून दिन बुधवार को है. वहीं इस साल योगिनी एकादशी के दिन दो शुभ योग का निर्माण भी होने जा रहा है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से दोगुने पुण्य फल की प्राप्ति होती है और इतना ही नहीं भगवान विष्णु की कृपा से घर में सुख, शांति और समृद्धि भी आती है. ये व्रत तीनों लोकों में प्रसिद्ध है, जो बहुत ही फलदायी माना जाता है. अगर आप किसी पाप से ग्रसित हैं, तो उससे मुक्ति पाने के लिए योगिनी एकादशी का दिन सबसे शुभ माना जाता है. तो ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि योगिनी एकादशी पर भगवान विष्णु के कौन से स्वरूप की पूजा करनी चाहिए, जिससे व्यक्ति के सभी दुख दूर हो जाए, साथ इस दिन व्रत करने का नियम क्या है. 

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जानें योगिनी एकादशी के दिन व्रत का शुभ मुहूर्त 
आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरूआत दिनांक 13 जून दिन मंगलवार को सुबह 09 बजकर 28 मिनट से लेकर इस एकदाशी तिथि का समापन दिनांक 14 जून दिन बुधवार को सुबह 08 बजकर 48 मिनट पर होगा. 
योगिनी एकादशी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त: सुबह 05 बजकर 23 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 52 मिनट तक 
उसके बाद फिर सुबह 10 बजकर 37 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 21 मिनट तक 
योगिनी एकादशी व्रत का पारण समय दिनांक 15 जून दिन गुरुवार को सुबह 05 बजकर 23 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 10 मिनट तक रहेगा.

योगिनी एकादशी पर ऐसे करें वामन देव की पूजा
स्कंद पुराण अनुसार, बताया गया है कि आषाढ़ माह में भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा करना सबसे उत्तम माना जाता है. क्योंकि वामन देव इस माह के अधिपति देव हैं. इस वजह से आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन वामन अवतार की पूजा करनी चाहिए. इस माह में वामन अवतार की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूरी हो जाती है, साथ ही संतानहीन दंपत्तियों को संतान सुख की प्राप्ति होती है. 

इस दिन व्रत करने के नियम 
1. योगिनी एकादसी से एक दिन पहले रात के समय एकादशी व्रत और भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा का संकल्प लें. 
2. व्रत के समय अन्न का सेवन करने से बचना चाहिए. 
3. अगले दिन स्नान के बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का ध्यान करें. उसके बाद पंचामृत, तुलसी के पत्ते समेत अन्य पूजा सामग्री से पूजा अर्चना करें. 
4. इस दिन पूजा के बाद गरीबों को अन्न, भोजन, कपड़े, जल आदि का दान करें. प्यासों को पानी जरूर पिलाएं. 
5. रात में भगवान विष्णु मंदिर में घी का दीया जरूर जलाएं और जागरण करें. फिर सूर्योदय के बाद पूजा-पाठ कर पारण करें.