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Laxmi Ji Ki Aarti: शुक्रवार के दिन बस पढ़ ले ये आरती, मां लक्ष्‍मी होंगी बेहद प्रसन्‍न, होगा धन लाभ

Laxmi Ji Ki Aarti: मां लक्ष्मी की पूजा के लिए शुक्रवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है. इस दिन इनकी विधिपूर्वक पूजा करने से और आरती पढ़ने से धन संबंधी परेशानियों से छुटकारा मिलता है. यहां पढ़ें मां लक्ष्मी की पूरी आरती.

Updated on: 19 Jan 2024, 08:53 PM

नई दिल्ली :

Laxmi Ji Ki Aarti: मां लक्ष्मी की पूजा के लिए शुक्रवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है.  इस दिन इनकी विधि-विधान से उपासना करनी चाहिए. मान्यता है कि शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से जातक के जीवन में ढेर सारी खुशियों का आगमन होता है. साथ ही आर्थिक तंगी से भी छुटकारा मिलता है. इसके साथ ही इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा के बाद आपको आरती भी जरूर पढ़नी चाहिए. ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही माता लक्ष्मी की कृपा भी बरसती है.  आइए यहां पढ़ें मां लक्ष्मी की पूरी आरती. 

यहां पढ़ें मां लक्ष्मी की पूरी आरती

ऊं जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।। 
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता। 
मैया तुम ही जग-माता।।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता। 
मैया सुख संपत्ति दाता। 
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

तुम पाताल-निवासिनि,तुम ही शुभदाता। 
मैया तुम ही शुभदाता। 
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,भवनिधि की त्राता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता। 
मैया सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता। 
मैया वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव,सब तुमसे आता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता। 
मैया क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

महालक्ष्मी जी की आरती,जो कोई नर गाता। 
मैया जो कोई नर गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

ऊं  जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। 
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता। 
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

मां लक्ष्मी के मंत्र

1. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम: 

2. ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम: 

3. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:

4.  ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा: 

5. ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम:

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।) 

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