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Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि के दिन जरूर पहनें चूड़ियां, जानें इसके चमत्कारी लाभ

Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि, भगवान शिव के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है. इस दिन, भक्त उपवास रखते हैं, पूजा करते हैं और भगवान शिव की स्तुति करते हैं. कुछ महिलाएं महाशिवरात्रि पर चूड़ियां पहनने की परंपरा का भी पालन करती हैं.

Updated on: 07 Mar 2024, 03:17 PM

नई दिल्ली :

Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि, भगवान शिव के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है. इस दिन, भक्त उपवास रखते हैं, पूजा करते हैं और भगवान शिव की स्तुति करते हैं. कुछ महिलाएं महाशिवरात्रि पर चूड़ियां पहनने की परंपरा का भी पालन करती हैं. चूड़ियां, एक प्रकार के आभूषण होते हैं जो महिलाओं द्वारा हाथों में पहने जाते हैं. ये हाथों की सुंदरता को बढ़ाते हैं और उन्हें और आकर्षक बनाते हैं. चूड़ियां विभिन्न रंग, आकार और डिज़ाइन में उपलब्ध होती हैं और इसका उपयोग विभिन्न समारोहों और उत्सवों में किया जाता है. इन्हें सोने, चांदी, पीतल, लोहा, रजत आदि से बनाया जाता है. चूड़ियों की विभिन्न प्रकारों में चूड़ीदार, कंगन, बाली, बाजुबंद, बाजुबंद, कड़ा, हाथपंजी आदि शामिल होते हैं. ये आभूषण महिलाओं के वस्त्र और भारतीय सारी परिधानों को और भी आकर्षक बनाते हैं.

महाशिवरात्रि पर चूड़ियां पहनने का महत्व:

1. सौभाग्य का प्रतीक: चूड़ियां सुहाग का प्रतीक मानी जाती हैं. महाशिवरात्रि पर चूड़ियां पहनने से महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं.

2. शिवत्व का प्रतीक: चूड़ियों का रंग और डिजाइन भी महत्वपूर्ण होता है. हरी चूड़ियां भगवान शिव को समर्पित मानी जाती हैं और इन्हें पहनने से महिलाएं भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने की आशा करती हैं.

3. सकारात्मक ऊर्जा: चूड़ियां पहनने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है.

4. आत्मविश्वास: चूड़ियां पहनने से महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ता है और वे खुद को अधिक सुंदर और आकर्षक महसूस करती हैं.

5. परंपरा: चूड़ियां पहनने की परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है. यह महिलाओं को अपनी संस्कृति और परंपराओं से जुड़ा हुआ महसूस कराता है.

चूड़ियां पहनने के कुछ नियम: महाशिवरात्रि पर सुबह स्नान करने के बाद ही चूड़ियां पहननी चाहिए. चूड़ियां पहनते समय मन में भगवान शिव का ध्यान करना चाहिए. चूड़ियां साफ-सुथरी और टूटी-फूटी नहीं होनी चाहिए. चूड़ियां पहनने के बाद उन्हें नियमित रूप से साफ करना चाहिए.

महाशिवरात्रि पर चूड़ियां पहनना एक धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा है. यह महिलाओं को सुंदर, आत्मविश्वासी और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर बनाता है. वैसे चूड़ियां पहनना अनिवार्य नहीं है. यह महिलाओं की व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)