चमत्कारी बाबा? चुनाव में मिली हार के बाद जिनकी शरण में पहुंची थीं इंदिरा गांधी, अमिताभ की बचाई थी जान
इमरजेंसी के बाद चुनाव में मिली हार ने इंदिरा गांधी को अंदर से तोड़ दिया था, वह अलग-थलक पड़ गई थीं...इसके बाद वह एक ऐसे चमत्कारी बाबा की शरण में पहुंची जिनके आशीर्वाद से सबकुछ...
New Delhi:
भारत में धर्म और राजनीति का गहरा संबंध रहा है. कई धर्म गुरुओं को जहां चुनाव लड़ते देखा गया है तो कई राजनेताओं के धर्म गुरुओं की शरण में देखा जाता है. चुनावी सीजन में धर्म गुरुओं में राजनेताओं की आस्था और भी ज्यादा देखने को मिलती है. कई बार राजनेता इन बाबाओं से अपनी राजनीतिक भविष्य के बारे में पूछते हैं तो कई बार नामांकन से पहले नेता इसकी शुभ घड़ी और सही समय की जानकारी करते हैं. देश में ऐसे भी बाबा हुए हैं, जिनकी शरण में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी, मुलायम सिंह यादव, वीरबहादुर सिंह बिंदेश्वरी दुबे जैसे दिग्गज नेता भी पहुंचे थे.
हार के बाद शरण में पहुंची थीं इंदिरा गांधी
यह हम बात कर रहे हैं देवरावा बाबा की. आपाताकाल के बाद जब इंदिरा गांधी को लोकसभा चुनाव में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था तो वह अंदर से हिल गईं थी. वह पूरी तरह से अलग-थलग पड़ चुकीं थी. यहां तक उस समय यह चर्चा भी चल निकली थी कि जनता पार्टी की सरकार इंदिरा के बेटे संजय गांधी को जेल भेज सकती है. क्योंकि आपातकाल में संजय गांधी की अहम भूमिका मानी जा रही थी. इसलिए वह सरकार के निशाने पर आ गए थे. इस दौरान किसी ने इंदिरा गांधी को देवराहा बाबा के बारे में बताया. इंदिरा तब देवराहा बाबा की शरण में पहुंची और उनका आशीर्वाद लिया. बाबा से मिलने के बाद इंदिरा गांधी ने कांग्रेस पार्टी का चुनाव चिन्ह बदलकर हाथ का पंजा कर दिया. इसके बाद 1980 के लोकसभा चुनाव में इंदिरा ने सरकार में वापसी की. इस जीत के बात तो मानों इंदिरा गांधी देवराहा बाबा की मुरीद हो गई. यही नहीं इंदिरा के बाद राजीव गांधी भी देवराहा बाबा के अनुयायियों में शामिल हो गए.
अमिताभ बच्चन को बनाकर दिया था ताबीज
यही नहीं 16 जुलाई 1982 की वह घटना जिसमें कुली फिल्म की शूटिंग के दौरान बॉलीवुड के सुपर स्टार अमिताभ बच्चन बुरी तरह घायल हो गए थे, शायद हो कोई भूला होगा. अमिताभ बच्चन अस्पताल में भर्ती थे. डॉक्टरों ने जवाब दे दिया था. क्योंकि अमिताभ बच्चन और गांधी परिवार की दोस्ती उन दिनों सुर्खियों में थी. अमिताभ बच्चन और राजीव गांधी के साथ वाले फोटो उन दिनों पत्र-पत्रिकाओं में खूब छपते थे. तभी अमिताभ की चोट के खबर सुनकर इंदिरा गांधी तुरंत अमेरिका से लौट आईं. उन्होंने एक सफेद कपड़े में लिपटा ताबीज, प्रसाद और पूजा की कुछ सामग्री तुरंत अमिताभ बच्चन तक पहुंचवाई. इसके साथ ही इंदिरा गांधी ने देवराहा बाबा से बनवाई ताबीज अमिताभ के तकिए के नीचे रखवाया. माना जाता है इस ताबीज के बाद से अमिताभ की सेहत में सुधार देखने को मिलने लगा था.
कौन थे देवरहा बाबा
दरअसल, देवरहा बाबा की पृष्ठभूमि को लेकर कोई पुख्त जानकारी नहीं मिल पाई है. उनका जन्म कब और कहां हुआ. उनके माता-पिता कौन थे. परिवार कहां था और परिवार में कौन-कौन थे. यहां तक कि उनके असली नाम का भी कोई पता नहीं चल पाया है. उन्होंने अपने जीवन का सबसे ज्यादा समय देवरिया में बिताया, इसलिए उनको देवरहा बाबा के नाम से पुकारा जाने लगा. हालांकि कहा जाता है कि देवरिया से पहले बाबा बनारस में थे और यहां एक नाव पर रहा करते थे.
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