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24 फरवरी से मांगलिक कार्यों पर लगी रोक, 15 अप्रैल से शुरू होंगे अच्छे दिन  

ज्योतिषों के अनुसार बृहस्पति देव 24 फरवरी से 24 मार्च तक अस्त रहने वाले हैं. इस दौरान सभी शुभ कार्यों पर रोक लगने वाली है.

Updated on: 20 Feb 2022, 11:53 AM

highlights

  • सब कार्यों की शुरुआत के लिए गुरु ग्रह का उदय होना काफी जरूरी है
  • 20 फरवरी के बाद 15 अप्रैल से शुभ कार्य किए जा सकेंगे. 

नई दिल्ली:

साल 2022 में मकर संक्रांति के दिन से मांगलिक कार्यों की शुरुआत हुई थी.अब फिर से 5 दिन बाद 24 फरवरी से मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी। 20 फरवरी के  बाद अब सीधा डेढ़ माह के लिए विवाह, गृहप्रवेश जैसे शुभ कार्यों को टाल दिया जाएगा। ऐसे इसलिए क्योंकि 24 फरवरी से गुरु अस्त होने जा रहा है. ऐसी मान्यता   है कि देवगुरु बृहस्पति शादी समेत अन्य सभी मांगलिक कार्यों के कारक माने जाते हैं. इन सब कार्यों की शुरुआत के लिए गुरु ग्रह का उदय होना काफी जरूरी है. 20 फरवरी के बाद 15 अप्रैल से शुभ कार्य किए जा सकेंगे. 

24 मार्च तक अस्त रहेंगे बृहस्पति
 
ज्योतिषों के अनुसार बृहस्पति देव 24 फरवरी से 24 मार्च तक अस्त रहने वाले हैं। इस दौरान सभी शुभ कार्यों पर रोक लगने वाली है. इस बीच होलाष्टक लग जाएंगे और फिर उसके बाद सूर्य के मीन मलमास शुरू हो जाएंगे. इस तरह 15 अप्रैल तक कोई कार्य नहीं किया जा सकेगा. चार मार्च को फुलेरा दूज पर कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं। गौरतलब है कि फुलेरा दूज को अबूझ मुहूर्त माना जाता है.

क्या होता है किसी ग्रह का अस्त होना

गौरतलब है कि 13 फरवरी को सूर्य ग्रह राशि बदलकर मकर राशि कुंभ राशि में प्रवेश कर चुका है. कुंभ राशि में गुरु ग्रह पहले से ही शामिल है. ऐसे में ज्योतिष अनुसार जब सूर्य ग्रह किसी दूसरे ग्रह के करीब जाता है तो उस ग्रह की शक्तियां कमजोर होने लगती हैं. इसे ही ग्रह का अस्त होना भी कहा जाता है. इस तरह सूर्य के करीब आने से गुरु ग्रह भी अस्त होंगे. शास्त्रों में गुरु ग्रह को शुभ कार्यों का प्रतीक तय किया  गया है. 

धनु और मीन राशि के स्वामी है गुरु

ज्योतिष अनुसार बृहस्पति को धनु व मीन राशि का स्वामी ग्रह कहा गया है। ऐसे में गुरू के अस्त होने का इन राशियों पर गहरा असर पड़ता है। इन प्रभावों से बचने के लिए गुरु संबंधी उपाय की सलाह दी जाती है. इस बीच गुरुवार का व्रत जरूर रखें. चने की दाल, गुड़ आटे की लोई में थोड़ी सी हल्दी डालकर गाय को खिलाएं.