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भगवान राम के कितने अवतार हैं, जानें उनका महत्व और आपके जीवन पर प्रभाव

अपनी प्रजा की कल्याणकारी राजनीति की और न्याय का पालन किया. रामायण के अनुसार, राम का वनवास हुआ और उनकी पत्नी सीता को राक्षसराज रावण ने हरण कर लिया.

Updated on: 12 Jan 2024, 11:04 AM

नई दिल्ली:

भगवान राम, हिन्दू धर्म के प्रमुख देवता और मानवता के मार्गदर्शक माने जाने वाले एक अवतार हैं. राम जनकपुरी अयोध्या के राजा दशरथ और कौसल्या के पुत्र थे. रामायण, जो राम की कथा है, एक महाकाव्य शास्त्र है जिसमें उनका जीवन कारगर्द रूप से वर्णित है. राम का जन्म अयोध्या में हुआ था और उनका बचपन बाल्यकाल से ही धर्मपरायण और गुणवान था. राजा दशरथ के आदर्श पुत्र के रूप में राम का वर्णन किया गया है जिन्होंने अपनी प्रजा की कल्याणकारी राजनीति की और न्याय का पालन किया. रामायण के अनुसार, राम का वनवास हुआ और उनकी पत्नी सीता को राक्षसराज रावण ने हरण कर लिया.

राम ने वानर सेना के साथ मिलकर माता सीता की खोज के लिए युद्ध किया और सीता माता को मुक्ति दिलाई. राम का जीवन धर्म, नीति, और भक्ति के सिद्धांतों पर आधारित है. उनके नीतिपरायण और सत्यवादी चरित्र ने उन्हें "मर्यादा पुरुषोत्तम" बना दिया है, जिनके उपदेशों ने मानवता को एक उच्च मानवता की दिशा में मार्गदर्शन किया है. राम की भक्ति और पूजा का महत्वपूर्ण स्थान हिन्दू धर्म में है और उन्हें प्रशांति, सत्य, और धर्म के प्रती अदम्य आदर्श माना जाता है.

भगवान राम को सातवें द्वापर युग में मानवता के उद्धारण के लिए आवतार वतारित किया गया है, जिन्हें "रामावतार" कहा जाता है. ये सात अवतार हैं.

मत्स्यावतार: भगवान विष्णु ने मत्स्य के रूप में पृथ्वी को प्रलय से बचाया था.

कूर्मावतार: विष्णु ने कछुआ (कूर्म) के रूप में सागर मंथन के समय प्रलय से बचाने के लिए अवतार लिया था.

वराहावतार: भगवान विष्णु ने यह अवतार लिया था जब हिरण्याक्ष नामक राक्षस भूमि को पाताल में डालने के लिए बूढ़ी धरा को उठाने के लिए.

नृसिंहावतार: भगवान विष्णु ने हिरण्यकशिपु के खिलाफ नृसिंह (मन-लिंग-मुर्ति) के रूप में अवतार लिया था.

वामनावतार: भगवान विष्णु ने वामन (बृहद्रूप) के रूप में आकाश-पाताल को छूने के लिए अवतार लिया था.

परशुरामावतार: भगवान विष्णु ने जमादग्नि के पुत्र परशुराम के रूप में अवतार लिया था, जो क्षत्रियों के खिलाफ युद्ध करने के लिए आए थे.

रामावतार: राम अवतार रामायण के प्रमुख पात्र थे और उनके जीवन के कई महत्वपूर्ण घटनाएं हैं. उनकी विशेषता अदान-प्रदान, न्याय, और धर्म की पालना में है, जिससे उन्हें "मर्यादा पुरुषोत्तम" कहा जाता है. रामायण, जो उनके जीवन को बताने वाली महाकाव्य है, भारतीय साहित्य और धर्मशास्त्र का महत्वपूर्ण हिस्सा है.

राम के अवतारों का महत्व है क्योंकि वे धर्म, न्याय और मानवता के प्रति प्रेरणा स्त्रोत हैं और उनकी उपदेशों से लोग जीवन को सही मार्ग पर चला सकते हैं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)