गणेश चतुर्थी 2018: पूजा में जरूर करें इन 5 मंत्रों का उच्चारण, दूर होंगी दिक्कतें
गणेश चतुर्थी पर बप्पा को खुश करने के लिए पूजा के समय ये पांच मंत्रों का उच्चारण जरूर करना चाहिए। इससे आपके जीवन की सारी समस्याएं दूर हो जाएगी।
नई दिल्ली:
13 सितंबर से गणपति बप्पा हर घर में पधारने आ रहे है, जो पूरे दस दिन अपने भक्तों पर अपनी कृपा बरसाएंगे। गणेश चतुर्थी को लेकर पूरे देश में तैयारियां जोरों पर है। गणेश चतुर्थी का यह त्योहार भारत के विभिन्न भागों में मनाया जाता है लेकिन महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा धूमधाम से मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी पर एक ओर जहां पंडालों में गौरी पुत्र गणेश की बड़ी-बड़ी प्रतिमा की स्थापना करते है वहीं दूसरी ओर भक्त अपने घरों में भी गजानन को विराजमान करते है।
गणेश जी को 'बुद्धि' के देव भी कहते है साथ ही उन्हें सभी देवों से पहले पूजने के साथ ही हर शुरुआती काम में पूजने की भी मान्यता प्रचलित है। गणेश जी का सबसे पसंदीदा भोग 'बूंदी के लड्डू' और 'मोदक' है लेकिन सबसे ज्यादा उन्हें 'मोदक' भाता है इसलिए उन्हें ' मोदक प्रिय' भी कहा जाता है।
गणेश स्थापना का शुभारंभ करने के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 08 मिनट से शुरू होगा। शुरू होने के बाद दोपहर 1 बजकर 34 मिनट तक आप घर में गणपति की स्थापना कर सकते हैं।
गणेश चतुर्थी पर बप्पा को खुश करने के लिए पूजा के समय ये पांच मंत्रों का उच्चारण जरूर करना चाहिए। इससे आपके जीवन की सारी समस्याएं दूर हो जाएगी।
गणेश मंत्र
1. वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
2. गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणम्ं। उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम्॥
3. एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्ं। विध्ननाशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम्॥
4. विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं। नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते॥
5. नमामि देवं सकलार्थदं तं सुवर्णवर्णं भुजगोपवीतम्ं। गजाननं भास्करमेकदन्तं लम्बोदरं वारिभावसनं च॥
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माना जाता है कि गणेश जी पूरे दस दिन अपने माता-पिता से दूर रहते है और फिर वह दस दिन बाद उनके पास लौट जाते है।
बता दें कि मान्यता के अनुसार श्री गणेश जी का जन्म भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को हुआ था। इसीलिए हर साल इस दिन गणेश चतुर्थी धूमधाम से मनाई जाती है। भगवान गणेश के जन्म दिन के उत्सव को गणेश चतुर्थी के रूप में जाना जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन, भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है।
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