Chandra Grahan 2022: विदेशों में इन जगहों पर लगेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण, जानें क्यों कहा जा रहा है 'Blood Moon'
साल का पहला चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2022) आज लग गया है. पंचाग के अनुसार भारत में 2022 का पहला चंद्र ग्रहण 16 मई 2022 (Chandra Grahan 2022 date) सोमवार के दिन सुबह 08:59 बजे से शुरू होकर सुबह 10:23 बजे तक रहेगा.
नई दिल्ली:
साल का पहला चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2022) आज लग गया है. इस बार ये चंद्र ग्रहण वैशाख शुक्ल की पूर्णिमा तिथि पर लगा है. ये ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा. ग्रहण के अच्छे और बुरे दोनों तरह के प्रभाव होते हैं. ये भारत में नहीं दिखेगा इसलिए, इस चंद्र ग्रहण का सूतक भारत में मान्य नहीं होगा. पंचाग के अनुसार भारत में 2022 का पहला चंद्र ग्रहण 16 मई 2022, (Chandra Grahan 2022 date) सोमवार के दिन सुबह 08:59 बजे से शुरू होकर सुबह 10:23 बजे तक रहेगा. ज्योतिष अनुसार इस ग्रहण की दृश्यता बिल्कुल नहीं इसलिए इसका सूतक काल भी भारत में (first chandra grahan of 2022) मान्य नहीं होगा.
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जानें कितने तरह का होता है चंद्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण एक प्रकार का खगोलीय घटनाक्रम है. सूर्य और चंद्रमा के बीच एक समय ऐसा आता है जब पृथ्वी बीच में आ जाती है. कुछ देर के लिए ऐसी स्थिति बन जाती है कि चंद्रमा के ऊपर सूर्य की चमक आनी बंद हो जाती है. इससे चंद्रमा दिखाई नहीं पड़ता है. इसे ही चंद्र ग्रहण कहते हैं. चंद्र ग्रहण तीन प्रकार का होता है पूर्ण चंद्र ग्रहण, आंशिक चंद्र ग्रहण और उपछाया (Chandra Grahan rashifal) चंद्र ग्रहण.
2022 में लगेंगे इतने चंद्र ग्रहण
साल 2022 में दो चंद्र ग्रहण का योग बन रहा है. 8 नवंबर को साल का अंतिम और दूसरा चंद्र ग्रहण लगेगा.
विदेशों में यहां दिखेगा चंद्र ग्रहण
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण वृषभ राशि में लगेगा. वृषभ राशि में राहु का गोचर चल रहा है. इसी कारण से वृषभ राशि पर ग्रहण का सबसे ज्यादा असर पड़ेगा.
16 मई को लगने वाले चंद्रग्रहण को दक्षिण-पश्चिमी यूरोप, दक्षिण-पश्चिमी एशिया, अफ्रीका, अधिकांश उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, अटलांटिक और अंटार्कटिका में देखा (Lunar Eclipse 2022) जा सकेगा.
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चंद्र ग्रहण को क्यों कहा जा रहा है 'ब्लड मून'
16 मई को चंद्र ग्रहण लाल रंग में नजर आएगा. जिसे ब्लड मून कहा जाता है. वैज्ञानिक और धार्मिक दृष्टि से चंद्र ग्रहण एक अहम घटना होती है. इस दिन बुद्ध पूर्णिमा भी है. सूर्य और चंद्रमा के बीच जब पृथ्वी आ जाती है तो, चंद्र ग्रहण की घटना होती है. इस समय में पृथ्वी की छाया चंद्रमा की रोशनी को ढक लेती है. जब सूर्य की रोशनी पृथ्वी के करीब से गुजर कर चांद तक पहुंचती है तो इसका नीला और हरा रंग वातावरण में बिखर जाता है, क्योंकि इनकी वेवलेंथ कम हो जाती है. जबकि लाल रंग की वेवलेंथ ज्यादा होती है जो आराम से चंद्रमा तक पहुंच जाती है. ऐसे वक्त में चंद्रमा लाल रंग का दिखाई (Blood Moon) देने लगता है.
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