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Basant Panchami Vastu Tips : छात्र कर लें बस ये 5 काम, करियर में हमेशा मिलेगी तरक्की

माघ मास के शुक्ल की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार है.

Updated on: 25 Jan 2023, 05:44 PM

नई दिल्ली :

Basant Panchami Vastu Tips : माघ मास के शुक्ल की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का त्योहार है. बसंत पंचमी शिक्षा और संगीत की देवी मां सरस्वती को समर्पित है. इस दिन मां सरस्वती की विधिवत पूजा करने से व्यक्ति के गुणों में वृद्धि होती है. इस साल बसंत पंचमी दिनांक 26 जनवरी 2023 दिन गुरुवार को हैं,ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, किसी बच्चे का अगर पढ़ाई में मन नहीं लगता है या फिर पढ़ाई में एकाग्रता नहीं रहती है. तो ये लेख उन छात्रों के लिए ही हैं. ऐसे में आइए आज हम आपको अपने इस लेख में आपको कुछ ऐसे विशेष उपायों के बारे में बताएंगे, जिससे आपको करियर में सफलता मिलेगी और आपको इससे बेहद लाभ होगा.

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बसंत पंचमी के दिन छात्र करें ये काम

1.स्टडी रूम में रखें मां सरस्वती की तस्वीर 
बसंत पंचमी के दिन स्टडी रूम में मां सरस्वती की तस्वीर या फिर छोटी सी मूर्ति रखें. इससे एकाग्रता बढ़ती है और बच्चों को शिक्षा में अच्छे परिणाम मिलते हैं, उनके ज्ञान में भी वृद्धि होती है. 

2.इस दिशा में मुख करके पढ़ना होता है शुभ
पढ़ाई करने के दौरान छात्रों का मुख पूर्व या फिर उत्तर दिश में होना चाहिए. इस बात का ध्यान रखें, कि आपकी रीढ़ की हड्डी एकदम सीधी होनी चाहिए. इसे बसंत पंचमी के दिन से शुरु करें. आपको बेहद अच्छा परिणाम मिलेगा. 

3.पढ़ाई की टेबल दीवार से चिपकी नहीं होनी चाहिए
पढ़ाई में अच्छे परिणाम के लिए स्टडी टेबल का बदलाव जरूर करें और ये बदलाव बसंत पंचमी के दिन करना बेहद शुभ फलदायी होता है. स्टडी टेबल पर ज्यादा किताबें न रखें और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें. स्टडी टेबल पर मां सरस्वती की मूर्ति जरूर रखें. 

4.नौकरी की तैयारी करने वाले छात्र
आपने पढ़ाई पूरी कर ली है और आप कॉम्पिटिटिव एग्जाम की तैयारी कर रहे हैं, तो उत्तर दिशा में बैठकर तैयारी करें. इससे आपको अच्छी नौकरी जल्द मिल जाएगी. 

5.संध्या के समय मां सरस्वती की करें आरती

जय सरस्वती माता, मैया जय सरस्वती माता।
सद्गुण, वैभवशालिनि, त्रिभुवन विख्याता ।।जय.।।

चन्द्रवदनि, पद्मासिनि द्युति मंगलकारी।
सोहे हंस-सवारी, अतुल तेजधारी।। जय.।।
बायें कर में वीणा, दूजे कर माला।
शीश मुकुट-मणि सोहे, गले मोतियन माला ।।जय.।।

देव शरण में आये, उनका उद्धार किया।
पैठि मंथरा दासी, असुर-संहार किया।।जय.।।
वेद-ज्ञान-प्रदायिनी, बुद्धि-प्रकाश करो।।
मोहज्ञान तिमिर का सत्वर नाश करो।।जय.।।

धूप-दीप-फल-मेवा-पूजा स्वीकार करो।
ज्ञान-चक्षु दे माता, सब गुण-ज्ञान भरो।।जय.।।
माँ सरस्वती की आरती, जो कोई जन गावे।
हितकारी, सुखकारी ज्ञान-भक्ति पावे।।जय.।।