Phulera Dooj Special 2024: मांगलिक कार्यक्रम के लिए खास मानी जाती है फुलेरा दूज
विशेष रूप से विवाह समारोह के दौरान, फुलेहरा दूज का उपयोग बरात की शुभता और समृद्धि के लिए किया जाता है. इसे ग्रह दोषों को शांत करने और संतान की प्राप्ति के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है.
नई दिल्ली:
Phulera Dooj 2024: फुलेहरा दूज विशेष रूप से मांगलिक कार्यक्रमों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है, खासकर विवाह समारोहों के लिए. इस त्योहार को अनुष्ठान करने से पहले भविष्यवाणी और मुहूर्त के अनुसार शुभ कार्यों का आयोजन किया जाता है. फुलेहरा दूज को समृद्धि और सम्पत्ति के प्रतीक के रूप में भी माना जाता है, और इसे धन, सफलता, और सुख के लिए शुभ माना जाता है. विशेष रूप से विवाह समारोह के दौरान, फुलेहरा दूज का उपयोग बरात की शुभता और समृद्धि के लिए किया जाता है. इसे ग्रह दोषों को शांत करने और संतान की प्राप्ति के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है.
इस पर्व के दिन मांगलिक कार्यों को सफलता और खुशियों से सम्पन्न करने की शुभकामनाएँ दी जाती हैं. फुलेहरा दूज होली के त्योहार से पहले आने वाली दूसरी तिथि है. यह दिन भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी के प्रेम का प्रतीक माना जाता है. इस दिन भक्त भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की पूजा करते हैं और फूलों की होली खेलते हैं.
फुलेहरा दूज मांगलिक कार्यक्रम के लिए खास मानी जाती है, इसके कुछ कारण इस प्रकार हैं.
1. शुभ मुहूर्त: फुलेहरा दूज के दिन पूरे दिन शुभ मुहूर्त होता है. इस दिन कोई भी मांगलिक कार्य बिना किसी मुहूर्त के किया जा सकता है.
2. प्रेम और समर्पण का प्रतीक: फुलेहरा दूज भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी के प्रेम और समर्पण का प्रतीक है. इस दिन मांगलिक कार्य करने से वैवाहिक जीवन में प्रेम और समर्पण बढ़ता है.
3. नई शुरुआत: फुलेहरा दूज नई शुरुआत का प्रतीक भी है. इस दिन कोई भी नया कार्य शुरू करने से सफलता मिलती है.
4. सकारात्मक ऊर्जा: फुलेहरा दूज के दिन सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है. इस दिन मांगलिक कार्य करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है.
5. ग्रहों की स्थिति: फुलेहरा दूज के दिन ग्रहों की स्थिति शुभ होती है. इस दिन मांगलिक कार्य करने से ग्रहों का शुभ प्रभाव मिलता है. इन कारणों से फुलेहरा दूज मांगलिक कार्यक्रम के लिए खास मानी जाती है. यदि आप कोई मांगलिक कार्य करने की योजना बना रहे हैं, तो फुलेहरा दूज एक अच्छा दिन हो सकता है. फुलेहरा दूज के दिन कुछ विशेष पूजा-पाठ भी किए जाते हैं. यदि आप इन पूजा-पाठों को करना चाहते हैं, तो आप किसी पंडित से सलाह ले सकते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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