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एक अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाना चाहते हैं? ये तरीका अपनाएं

क्रेडिट स्कोर बनाने और बनाए रखने का मुख्य तरीका है ज़िम्मेदारी के साथ क्रेडिट का प्रयोग. हालांकि, कुछ तरीको से आप अच्छा क्रेडिट स्कोर बना सकते हैं या बनाए रख सकते हैं.

Updated on: 10 Oct 2019, 04:55 PM

नई दिल्ली:

क्रेडिट स्कोर एक महत्वपूर्ण फाइनेंशियल मूल्यांकन है, जो जागरूकता की कमी के कारण भारत में कई लोगों द्वारा नज़रंदाज़ किया जाता है. ये तीन डिजिट का नंबर उन सबसे महत्वपूर्ण कारणों में से होता है जिसके आधार पर लेंडर (लोन देने वाला) आपका क्रेडिट कार्ड आवेदन स्वीकार या अस्वीकार करता है. 900 क्रेडिट स्कोर रखने वाले आवेदकों का लोन आवेदन जल्दी और कम ब्याज़ दर पर मंज़ूर हो जाता है.

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क्रेडिट स्कोर बनाने और बनाए रखने का मुख्य तरीका है ज़िम्मेदारी के साथ क्रेडिट का प्रयोग. हालांकि, कुछ तरीको से आप अच्छा क्रेडिट स्कोर बना सकते हैं या बनाए रख सकते हैं. यहां कुछ तरीकें बताएं गए हैं जिन्हें अपनाकर आप एक अच्छा क्रेडिट स्कोर प्राप्त कर सकते हैं:

क्रेडिट कार्ड बिल और लोन किश्त का समय पर भुगतान

आपका क्रेडिट स्कोर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री के आधार पर तय किया जाता है. इसलिए अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाने के लिए आपको समय पर क्रेडिट कार्ड बिल और लोन की किश्तों का भुगतान कर अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री बनानी होगी. बहुत से लोगों को पता नहीं है कि लेंडर (लोन/क्रेडिट कार्ड देने वाला) समय-समय पर क्रेडिट एजेंसियों को आपकी क्रेडिट जानकारी देते हैं. एक बार भी क्रेडिट कार्ड बिल या लोन किश्त के डिफ़ॉल्ट होने पर उसकी जानकारी क्रेडिट एजेंसी में जा सकती है जिसका गलत प्रभाव आपकी क्रेडिट रिपोर्ट और क्रेडिट स्कोर पर पड़ सकता है. अपनी देनदारियों का समय पर भुगतान करने से आपके क्रेडिट स्कोर को लगातार बढ़ाने में मदद मिलेगी.

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क्रेडिट कार्ड बिल और लोन किश्त का पूरा भुगतान

लेंडर उन लोगों को लोन और क्रेडिट कार्ड देने के लिए तैयार रहते हैं जो अपने क्रेडिट कार्ड बिल और लोन की किश्त का पूरा भुगतान करते हैं. यहाँ तक कि आपका क्रेडिट स्कोर आपके भुगतान के रिकॉर्ड पर निर्भर होता है. जैसे-जैसे आप अपनी देनदारियों का पूरा और समय पर भुगतान करते रहते हैं वैसे-वैसे आपका क्रेडिट स्कोर बढ़ता रहता है. इस से लेंडर पर ये प्रभाव पड़ता है कि आप फाइनेंशियली स्थिर और ज़िम्मेदार व्यक्ति हैं. अगर आप कोई लोन लेने जा रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि ईएमआई उतनी ही हो जितनी आप भर सकें. यहां तक कि अगर आप अपने लोन की किश्त का पूरा भुगतान नहीं कर रहे हैं, तो अगली किश्त में पिछली बची किश्त का भुगतान साथ में करें अन्यथा भुगतान की रकम बढ़ती रहेगी और उसपर जुर्माना भी लग सकता है.

क्रेडिट कार्ड यूटिलाइज़ेशन रेश्यो सीमित रखें

क्रेडिट कार्ड लेने का मतलब लोन लेने जैसा ही होता है. जब आप क्रेडिट कार्ड द्वारा भुगतान करते हैं तो वो रकम डेबिट कार्ड की तरह आपके बैंक खाते से नहीं कटती है. ये भुगतान आपके क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता (बैंक) द्वारा किया जाता है जिसे आपको समय पर वापस देना होता है. क्रेडिट कार्ड प्रयोग करने में आसान हैं और आपका क्रेडिट हिस्ट्री बनाने में मदद कर सकते हैं लेकिन साथ ही ये आपके क्रेडिट स्कोर कम होने का कारण भी बन सकते हैं. अपने क्रेडिट स्कोर को बिना प्रभावित किया क्रेडिट कार्ड लाभ उठाने के लिए अपना क्रेडिट यूटिलाइज़ेशन रेश्यो सीमित रखें.

क्रेडिट यूटिलाइज़ेशन रेश्यो आपकी क्रेडिट लिमिट और उसमें से कितना उपभोग किया गया है उसका प्रतिशत होता है. उदाहरण: अगर आपकि क्रेडिट लिमिट 10,000 रु. है और आप उसमें से 3000 रु. का प्रयोग करते हैं तो आपका क्रेडिट यूटिलाइज़ेशन रेश्यो 30% होगा. आपका क्रेडिट यूटिलाइज़ेशन रेश्यो जितना कम होगा आपका क्रेडिट स्कोर उतना ही अच्छा होगा. कोशिश करें कि आपका क्रेडिट यूटिलाइज़ेशन रेश्यो 30% से 40% के बीच ही रहे. इस से ज़्यादा क्रेडिट का प्रयोग करने पर ये सन्देश जाता है कि आप फाइनेंशियली स्थिर नहीं हैं और क्रेडिट के लिए भूखे हैं. अगर आपका क्रेडिट यूटिलाइज़ेशन रेश्यो अक्सर 40% से ज़्यादा होता है तो अपने क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता से अपनी क्रेडिट लिमिट बढ़ाने का आवेदन करें या दूसरा क्रेडिट कार्ड लें.

हर जगह क्रेडिट कार्ड का आवेदन ना करें

कम समय या अवधि में कई क्रेडिट कार्ड आवेदन करने से भी आपके क्रेडिट स्कोर पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है. जितनी बार भी आप क्रेडिट के लिए आवेदन करते हैं उतनी बार लेंडर (क्रेडिट कार्ड/लोन देने वाला) क्रेडिट एजेंसी से आपकी क्रेडिट रिपोर्ट लेता है. इसे ‘हार्ड इन्क्वायरी’ कहा जाता है. ये हार्ड इन्क्वायरी आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में दर्ज होती है और आपके क्रेडिट स्कोर पर बुरा प्रभाव डाल सकती है, ये प्रभाव एक साल तक बना रह सकता है. क्रेडिट रिपोर्ट में कम समय में ज़्यादा हार्ड इन्क्वायरी दर्ज होने पर ये सन्देश जाता है कि आवेदन क्रेडिट के लिए भूखा है. इस तरह के आवेदकों के क्रेडिट कार्ड आवेदन लेंडर द्वारा नामंज़ूर हो सकते हैं क्योंकि वो सोचते हैं कि आवेदक फाइनेंशियली स्थिर नहीं है और समय पर बिल का भुगतान नहीं कर पाएगा.

जब तक ज़रूरत ना हो नया क्रेडिट कार्ड ना लें

कुछ ऐसे लोग होते हैं जो हर उस नए क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं जो बाज़ार में आता है. इस तरह के लोगों के लोन आवेदन जल्दी मंज़ूर नहीं होते हैं क्योंकि उनकी क्रेडिट रिपोर्ट में बहुत सी हार्ड इन्क्वायरी होती हैं जिस से ये सन्देश जाता है कि ये लोग क्रेडिट के लिए भूखे हैं. क्रेडिट रिपोर्ट में बहुत सी हार्ड इन्क्वायरी होने का अन्य नुकसान ये है कि इस से आपके क्रेडिट स्कोर पर बुरा प्रभाव पड़ता है. इसके अलावा, अगर आपके पास कई क्रेडिट कार्ड हैं तो आप ज़्यादा क्रेडिट प्रयोग करेंगें. इसका परिणाम ये होगा कि आपकी देनदारियां बढ़ जाएंगी और उसका भुगतान आपके लिए मुश्किल हो सकता है. इसलिए क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन ज़रूरत के मुताबिक करें ना कि सिर्फ कार्ड लेने के लिए.

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कई प्रकार के क्रेडिट रखें

अलग-अलग प्रकार का क्रेडिट होने से भी आपका क्रेडिट स्कोर बहतर होता है. क्योंकि लेंडर (क्रेडिट कार्ड/लोन देने वाला) भी उन लोगों को लोन देना ज़्यादा पसंद करते हैं जिनके पास कई प्रकार के क्रेडिट होते हैं, इसलिए क्रेडिट ब्यूरो भी ऐसे व्यक्तियों को ज़्यादा क्रेडिट स्कोर देते हैं. कई प्रकार के क्रेडिट में हो सकते हैं, सुरक्षित लोन (होम लोन), असुरक्षित लोन (पर्सनल लोन) या क्रेडिट कार्ड. अगर आप अपनी कुछ लोन देनदारियों की प्रीपेमेंट करना चाहते हैं तो सबसे पहले असुरक्षित लोन की प्रीपेमेंट करें.

पुराने क्रेडिट कार्ड अकाउंट बेवजह बंद ना करें

आपके क्रेडिट स्कोर पर इस से भी प्रभाव पड़ता है कि आपका क्रेडिट कार्ड अकाउंट कितना पुराना है. आपका क्रेडिट अकाउंट जितना पुराना होगा आपका क्रेडिट स्कोर उतना ही अच्छा होगा. प्रयोग में ना आने वाला क्रेडिट कार्ड अकाउंट बंद करने से आपका क्रेडिट स्कोर कम हो सकता है. क्योंकि ऐसा करने से आपकी क्रेडिट लिमिट कम हो जाएगी. इसका परिणाम ये होगा कि आपका क्रेडिट यूटिलाइज़ेशन रेश्यो बढ़ जाएगा और इस से आपके क्रेडिट स्कोर के कुछ नंबर कम हो जाएंगें.
इसके अलावा, क्रेडिट कार्ड अकाउंट को लम्बे समय तक बनाए रखने से लेंडर को सन्देश जाता है कि आपने ज़िम्म्देदारी के साथ क्रेडिट अकाउंट बनाए रखा है और भविष्य में भी आप ऐसी ही करेंगें. इसलिए, अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री वाला पुराना क्रेडिट अकाउंट बंद ना करें. उसे खुला रखें क्योंकि जितना अकाउंट पुराना होता जाएगा उतना ही आपका क्रेडिट स्कोर बढ़ता जाएगा.

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