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गजब! यहां लोग पेड़ों को क्यों बांधते हैं राखी? भगवान को साक्षी मानकर खाते है यह कसम

ग्लोबल वॉर्मिंग के इस दौरान में जहां प्रकृति का बेहिसाब दोहन हो रहा है, वहीं जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से बचने के केवल और केवल एक ही तरीका है और वो है अधिक से अधिक पौधारोपण

Updated on: 16 Jul 2023, 11:24 AM

New Delhi:

रक्षाबंधन का त्योहार आने वाला है. भाई-बहन के प्रेम वाले इस त्योहार वाले त्योहार की तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधेंगी और उनसे सुरक्षा का वचन लेंगी. बहने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं... ये तो ठीक है, लेकिन क्या आपने पेड़ों को राखी बांधते हुए कोई देखा है और वो भी पुरुष. नहीं देखा तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में एक तहसील ऐसी है, जहां लोग पेड़ों को राखी बांधते हैं. यह मामला है बिजनौर की नजीबाबाद तहसील का. 

ऐसे हुई पेड़ों को राखी बांधने की शुरुआत

दरअसल, यहां पेड़ों को राखी बांधने की शुरुआत कराई उपजिलाधिकारी मांगेराम चौहान ने. तहसील में तैनात एडसीएम मांगेराम यहां लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक कर रहे हैं और पौधारोपण के लिए प्रेरित भी. अपने इसी पर्यावरण बचाओ अभियान के तहत मांगेराम ने लोगों से पेड़ों को राखी बांधने और उनकी सुरक्षा करने की शपथ लेने के लिए प्रेरित किया. मांगेराम बताते हैं कि रक्षा बंधन त्योहार पर यहां हर व्यक्ति एक पेड़ या पौधे को राखी बांधता है और जीवनभर उस पेड़ की रक्षा करने की कसम खाता है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों में पर्यावरण को लेकर जागरुकता लाना है. 

ग्लोबल वॉर्मिंग से बचने का तरीका केवल पौधारोपण

इससे पहले मांगेराम अपनी तैनाती के दौरान अमरोहा और मेरठ समेत कई जिलों में पर्यावरण बचाओं के अभियान चला चुके हैं, जिसके तहत अब तक 20 हजार से भी ज्यादा पौधे लगाए जा चुके हैं. आपको बता दें कि ग्लोबल वॉर्मिंग के इस दौरान में जहां प्रकृति का बेहिसाब दोहन हो रहा है, वहीं जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से बचने के केवल और केवल एक ही तरीका है और वो है अधिक से अधिक पौधारोपण. अगर इस बारे में जल्दी गंभीरता नहीं बरती गई तो हमारी पीढ़ियों को परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.