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Indonesia : तोराजा लोग दक्षिण सुलावेसी, इंडोनेशिया के मूल निवासी हैं. वे अपनी अनूठी मृत्यु संस्कारों के लिए जाने जाते हैं, जिसमें मृतकों के शवों को कई वर्षों तक घर में रखना शामिल है.

Updated on: 22 Feb 2024, 06:36 PM

नई दिल्ली:

Indonesia : तोराजा लोग दक्षिण सुलावेसी, इंडोनेशिया के मूल निवासी हैं. वे अपनी अनूठी मृत्यु संस्कारों के लिए जाने जाते हैं, जिसमें मृतकों के शवों को कई वर्षों तक घर में रखना शामिल है. तोराजा का मानना ​​है कि मृत्यु जीवन का एक प्राकृतिक हिस्सा है, और मृतक अभी भी जीवित हैं, बस एक अलग दुनिया में. वे मृतकों का सम्मान करते हैं और उन्हें अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं. तोराजा के पास मृतकों के शवों को संरक्षित करने के कई तरीके हैं. एक तरीका है उन्हें ममी बनाना. मृतक के शरीर को नमक, पानी और जड़ी-बूटियों के मिश्रण में कई हफ्तों तक भिगोया जाता है. यह शरीर को निर्जलित करता है और इसे विघटित होने से रोकता है. 

मृतकों को ताबूत में भी रखा जा सकता है. ताबूत आमतौर पर लकड़ी से बने होते हैं और उन्हें विस्तृत रूप से नक्काशी की जाती है. मृतक को अक्सर अपने सबसे अच्छे कपड़े पहनाए जाते हैं और उन्हें ताबूत में रखा जाता है. तोराजा मृतकों के शवों को अपने घरों में रखते हैं. शवों को आमतौर पर एक विशेष कमरे में रखा जाता है जिसे टोंगकोनन कहा जाता है. टोंगकोनन एक पारंपरिक तोराजा घर है जो ऊंचा और नुकीला होता है.

तोराजा नियमित रूप से अपने मृत पूर्वजों की यात्रा करते हैं. वे उन्हें भोजन और पेय प्रदान करते हैं और उनसे बात करते हैं. तोराजा का मानना ​​है कि उनके पूर्वज उनकी रक्षा कर सकते हैं और उन्हें मार्गदर्शन दे सकते हैं. तोराजा मृत्यु संस्कार दुनिया में अद्वितीय हैं. वे मृत्यु के प्रति तोराजा के सम्मान और मृतकों के प्रति उनकी निरंतर भक्ति को दर्शाते हैं.  

इंडोनेशिया के तोराजा लोग अपनी अनूठी मृत्यु संस्कारों के लिए जाने जाते हैं. इन संस्कारों में मृतकों के शवों को कई वर्षों तक घर में रखना शामिल है.

तोराजा का मानना ​​है कि मृत्यु जीवन का एक प्राकृतिक हिस्सा है, और मृतक अभी भी जीवित हैं, बस एक अलग दुनिया में. वे मृतकों का सम्मान करते हैं और उन्हें अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं.

तोराजा के पास मृतकों के शवों को संरक्षित करने के कई तरीके हैं. एक तरीका है उन्हें ममी बनाना. मृतक के शरीर को नमक, पानी और जड़ी-बूटियों के मिश्रण में कई हफ्तों तक भिगोया जाता है. यह शरीर को निर्जलित करता है और इसे विघटित होने से रोकता है.

मृतकों को ताबूत में भी रखा जा सकता है. ताबूत आमतौर पर लकड़ी से बने होते हैं और उन्हें विस्तृत रूप से नक्काशी की जाती है. मृतक को अक्सर अपने सबसे अच्छे कपड़े पहनाए जाते हैं और उन्हें ताबूत में रखा जाता है.

तोराजा मृतकों के शवों को अपने घरों में रखते हैं. शवों को आमतौर पर एक विशेष कमरे में रखा जाता है जिसे टोंगकोनन कहा जाता है. टोंगकोनन एक पारंपरिक तोराजा घर है जो ऊंचा और नुकीला होता है.

तोराजा नियमित रूप से अपने मृत पूर्वजों की यात्रा करते हैं. वे उन्हें भोजन और पेय प्रदान करते हैं और उनसे बात करते हैं. तोराजा का मानना ​​है कि उनके पूर्वज उनकी रक्षा कर सकते हैं और उन्हें मार्गदर्शन दे सकते हैं.

तोराजा मृत्यु संस्कार दुनिया में अद्वितीय हैं. वे मृत्यु के प्रति तोराजा के सम्मान और मृतकों के प्रति उनकी निरंतर भक्ति को दर्शाते हैं.

तोराजा मृत्यु संस्कारों के बारे में कुछ रोचक तथ्य:

तोराजा लोग मृतकों के शवों को कई वर्षों तक घर में रख सकते हैं, कभी-कभी दशकों तक.
मृतकों को अक्सर अपने पसंदीदा भोजन और पेय के साथ दफनाया जाता है.
तोराजा लोग मृत्यु का जश्न मनाते हैं, क्योंकि उनका मानना ​​है कि यह एक नई दुनिया में जीवन की शुरुआत है.
तोराजा मृत्यु संस्कार पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय आकर्षण हैं.

यहाँ कुछ अन्य विशिष्ट तोराजा मृत्यु संस्कार हैं:

मानेने:  यह एक अनुष्ठान है जिसमें मृतकों के शवों को ताबूत से निकाला जाता है, साफ किया जाता है, और नए कपड़े पहनाए जाते हैं. यह अनुष्ठान हर कुछ वर्षों में किया जाता है.
रामबु सोलो: यह एक अंतिम संस्कार अनुष्ठान है जिसमें मृतक को एक पवित्र नदी में दफनाया जाता है.
टोंगकोनन: यह एक पारंपरिक तोराजा घर है जो ऊंचा और नुकीला होता है. मृतकों के शवों को अक्सर टोंगकोनन में रखा जाता है.
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि तोराजा मृत्यु संस्कार धीरे-धीरे बदल रहे हैं. अधिक से अधिक तोराजा लोग मृतकों के शवों को दफनाना या जलाना चुन रहे हैं.