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दलित आंदोलन: मध्यप्रदेश में बदतर हुए हालात, 5 की मौत कई घायल, कर्फ्यू लागू - बुलाई गई सेना

राज्य में हिंसा के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए भिंड समेत सभी संवेदनशील ज़िलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है साथ ही सुरक्षा-व्यवस्था को मजबूत करने के लिए जगह-जगह सेना की तैनाती की गई है।

Updated on: 02 Apr 2018, 05:42 PM

नई दिल्ली:

दलित संगठनों द्वारा सोमवार को बुलाए गए देशव्यापी आंदोलन के दौरान मध्यप्रदेश में 5 कुल लोगों की मौत हो गई है। जबकि पुलिसकर्मी समेत कई अन्य लोग घायल हो गए हैं।

राज्य में हिंसा के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए भिंड समेत सभी संवेदनशील ज़िलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है साथ ही सुरक्षा-व्यवस्था को मजबूत करने के लिए जगह-जगह सेना की तैनाती की गई है।

इस बारे में इंसपेक्टर जनरल (क़ानून-व्यवस्था) मकरंद देओसकर ने जानकारी देते हुए कहा, 'केवल ग्वालियर में प्रदर्शन के दौरान दो लोग जबकि भिंड और मुरैना में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।'

आगे उन्होंने कहा, 'प्रदर्शन के दौरान कई हिस्सों से पथराव और लूटपाट करने का मामला भी सामने आया है।' 

सब डिविजनल मजिस्ट्रेट उमेश शुक्ला के अनुसार मुरैना ज़िले में प्रदर्शन के दौरान मारे गए व्यक्ति की पहचान छात्र नेता राहुल पाठक के रूप में हुई है।

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शुक्ला ने आगे बताया कि जब प्रदर्शनकारी उग्र होने लगे और ज़िले में उपद्रवी हिंसा पर उतारू हो गए तो हमने क़ानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कर्फ्यू लागू कर दिया।

मुरैना में प्रदर्शनकारियों ने रेलगाड़ी को रोक दी जिससे यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हुई है। मुरैना में सरकारी संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचाया गया।

विरोध प्रदर्शन को देखते हुए ग्वालियर में इंटरनेट सेवाएं मंगलवार सुबह 6 बजे तक के लिए बंद कर दी गई हैं। वहीं मध्यप्रदेश सुरक्षा प्रशासन ने ग्वालियर में कर्फ्यू लगा दिया है और सागर में धारा 144 लागू कर दी गई।

क्या है मामला?

सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को एससी एसटी एक्ट के दुरुपयोग को लेकर चिंता जाहिर करते हुए इसमें कुछ बदलाव किए थे। सुप्रीम कोर्ट ने SC/ST (अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति) अधिनियम का दुरुपयोग रोकने के लिए इस एक्ट के तहत दर्ज मामलों में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। कोर्ट के इस फैसले का दलित संगठन विरोध कर रहे हैं।

वहीं केंद्र सरकार ने भी सोमवार को फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दिया है।

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