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VIDEO : बाहर आओ और हिंसा की निंदा करो, ज्वाला गुट्टा ने खिलाड़ियों से की अपील

पूर्व भारतीय बैडमिंटन युगल खिलाड़ी ज्‍वाला गुट्टा (jwala gutta) ने नागरिका संशोधन विधेयक (caa protests) पर चल रहे विरोध प्रदर्शन के खिलाफ आवाज उठाई है. उन्‍होंने ट्वीटर पर एक वीडियो पोस्‍ट किया और उसमें अपनी बात विस्‍तार से रखी है.

Updated on: 23 Dec 2019, 04:43 PM

नई दिल्‍ली:

पूर्व भारतीय बैडमिंटन युगल खिलाड़ी ज्‍वाला गुट्टा (jwala gutta) ने नागरिका संशोधन विधेयक (caa protests) पर चल रहे विरोध प्रदर्शन के खिलाफ आवाज उठाई है. उन्‍होंने ट्वीटर पर एक वीडियो पोस्‍ट किया और उसमें अपनी बात विस्‍तार से रखी है. ज्‍वाला गुट्टा ने कहा है कि नागिरकता संशोधन विधेयक पर चल रहे विरोध प्रदर्शन और हिंसा के खिलाफ हमें भी बाहर निकलना चाहिए. उन्‍होंने अपने साथी खिलाड़ियों को शांतिदूत कहते हुए कहा है कि हम समाचार देख रहे हैं, बहुत सारे लोग मारे जा रहे हैं. मुझे इस तरह की उम्‍मीद नहीं थी. उन्‍होंने आग्रह किया कि इस हिंसा की निंदा की जानी चाहिए. 

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अपनी बात आगे बढ़ाते हुए ज्‍वाला गुट्टा ने कहा है कि सभी खिलाड़ियों को हिंसा के खिलाफ बाहर आना चाहिए. ज्‍वाला ने कहा कि जो लोग हिंसा कर रहे हैं, वह ठीक नहीं है. इसलिए हम शांतिदूतों को बाहर निकलकर इसकी निंदा करनी चाहिए. सभी को एकजुट होना होगा. ज्‍वाला गुट्टा उन खिलाड़ियों में से हैं जो खेल के साथ साथ अन्‍य सामाजिक मुद्दों पर भी अपनी राय रखती हैं. पिछले दिनों जब हैदराबाद पुलिस ने वेटनरी डॉक्‍टर के सामूहिक दुष्‍कर्म और हत्‍या के आरोपियों को एक एनकाउंटर में मार दिया था, तब भी उनकी अलग ही राय सामने आई थी. जहां खेल से जुड़ी तमाम हस्‍तियां हैदराबाद पुलिस की तारीफ कर रही थीं, वहीं ज्‍वाला ने लिखा था कि क्‍या इससे भविष्‍य में होने वाले दुष्‍कर्म बंद हो जाएंगे. हालांकि इस ट्वीट के बाद ज्‍वाला की काफी आलोचना भी हुई थी. इस बीच नागरिका संशोधन विधेयक के पास होने के बाद पूरे देश में हंगामा, बवाल और हिंसा हो रही है. उस पर भी खेल से जुड़े सितारे अपनी अपनी बात बेबाकी से रख रहे हैं. हाल ही में क्रिकेटर हरभजन सिंह ने भी मामले में शांति की अपील की थी.

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आपको बता दें कि नागरिका संशोधन विधेयक लागू होने के बाद से पूरे देश में बवाल हो रहे हैं, जगह जगह तोड़फोड़ और आगजनी तक की घटनाएं सामने आ रही हैं, दिल्‍ली से लेकर, उत्‍तर प्रदेश के सभी शहर और अन्‍य सूबे भी कहीं न कहीं आग में सुलग रहे हैं. हालांकि बवाल बढ़ता देखकर पुलिस ने अब सख्‍ती करनी शुरू कर दी है और उपद्रवियों पर कार्रवाई भी की जा रही है. इसके बाद इस पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सका है. उत्तर प्रदेश में ही इस पूरे प्रकरण के के विरोध प्रदर्शन के दौरान 16 लोगों की मौत हो चुकी है और 263 पुलिस कर्मी घायल हो गए हैं.