पालघर में संतों की हत्या से मचा हाहाकार, सवालों के घेरे में महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे की सरकार
महाराष्ट्र के पालघर में जूना अखाड़े के दो साधुओं समेत तीन लोगों की मॉब लिंचिंग के बाद से हाहाकार मच गया है और महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे की सरकार सवालों के घेरे में आ गई है.
नई दिल्ली:
महाराष्ट्र के पालघर में जूना अखाड़े के दो साधुओं समेत तीन लोगों की मॉब लिंचिंग के बाद से हाहाकार मच गया है और महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे की सरकार सवालों के घेरे में आ गई है. पुलिस ने इस मामले में 110 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है और 101 लोगों को हिरासत में ले लिया गया है, जबकि नौ नाबालिगों को पकड़कर किशोर आश्रय गृह भेजा गया है. साधुओं की हत्या से संत समाज ने रोष जताया है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए चेताया कि हत्यारों पर जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो महाराष्ट्र सरकार के विरुद्ध आंदोलन किया जाएगा. उधर, इस घटना से सकते में आई शिवसेना ने आदेश जारी किया है कि इस बारे में पार्टी का कोई भी प्रवक्ता बयान नहीं देगा. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सरकार से जारी बयान को ही पार्टी का आधिकारिक बयान माना जाएगा.
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प्रयागराज में प्रवास कर रहे महंत नरेंद्र गिरी ने बताया, महाराष्ट्र के पालघर जिले के एक गांव में ब्रह्मलीन संत को समाधि देने जाते साधु-संतों पर पुलिस की मौजूदगी में कुछ लोगों ने हमला कर हत्या कर दी थी. पालघर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से फोन पर बात कर अखाड़ा परिषद ने अपना विरोध जताया है. उन्होंने कहा, लॉकडाउन के बाद अखाड़ा परिषद हरिद्वार में बैठक कर आंदोलन की रणनीति बनाएगी. महाराष्ट्र सरकार को चेताते हुए उन्होंने कहा, सरकार ने हत्यारों के विरूद्ध कार्रवाई नहीं की तो सभी अखाड़े बैठक कर महाराष्ट्र सरकार के विरूद्ध आंदालन बिगुल फूंकेंगे. उन्होंने भक्तों से लॉकडाउन में ब्रह्मलीन हुए किसी साधु को समाधि देने जाते समय सीमित संख्या में ही जाने की अपील की है.
उधर, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पालघर की घटना पर नाराजगी जताते हुए कहा, पालघर की घटना पर कार्रवाई की गई है. पुलिस ने उन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है जिन्होंने 2 साधुओं, 1 ड्राइवर और पुलिस कर्मियों पर हमला किया था. ऐसी शर्मनाक घटना को अंजाम देने वाले दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
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दूसरी तरफ महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने भी साधुओं की हत्या पर दुख जताते हुए आरोपियों के खिलाफ जल्द कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. फडणवीस ने ट्वीट किया, 'पालघर हिंसा की घटना का वीडियो हैरान करने वाला और अमानवीय है. कोरोना संकट के समय ऐसी घटना और भी ज्यादा परेशान करने वाली है. मैं राज्य सरकार से गुजारिश करता हूं कि वह इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाएं और जो दोषी हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो.'
बता दें कि जूना अखाड़े के दो साधु अपने ड्राइवर के साथ मुंबई से गुजरात के सूरत में अपने साथी के अंतिम संस्कार के लिए जा रहे थे. रास्ते में पालघर के एक गांव में ग्रामीणों ने इन्हें चोरी के शक में मार डाला. ये तीनों मुंबई के कांदिवली इलाके से मारुति ईको कार में सवार होकर सूरत के लिए निकले थे. दोनो साधुओं को ही उनका अंतिम संस्कार करना था. महाराष्ट्र-गुजरात बॉर्डर पर इनकी गाड़ी को पुलिस ने रोककर वापस भेज दिया. इसके बाद तीनों जंगल वाले रास्ते से आगे बढ़ने लगे.
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इस बीच पालघर जिले के कुछ गांवों में यह अफवाह फैली कि लॉकडाउन का फायदा उठाकर कुछ लोग चोरी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं. इसी अफवाह पर रतजगा कर रहे लोगों ने साधुओं पर हमला बोल दिया. गांव वालों ने बिना कुछ सोचे समझे इनकी गाड़ी देख इन पर हमला कर गाड़ी को पलट दिया. सूचना पर पुलिस तो पहुंची पर भीड़ के आगे पुलिसवाले काफी कम थे और वे भाग खड़े हुए. इसके बाद गुस्साई भीड़ ने इन्हें पीट-पीट कर मार डाला.
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