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'Transgender Bill' के विरोध में किन्नर समुदाय ने उठाई आवाज़, कहा- हमारा हक न छीने सरकार

लोकसभा में ट्रांसजेंडर बिल के पारित होने के बाद से ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग लगातार इसके विरोध में आवाज़ उठा रहे हैं.

Updated on: 26 Dec 2018, 09:59 PM

नई दिल्ली:

मुंबई में ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों ने ट्रांसजेंडर बिल का विरोध किया. लोकसभा में ट्रांसजेंडर बिल के पारित होने के बाद से ट्रांसजेंडर समुदाय के लोग लगातार इसके विरोध में आवाज़ उठा रहे हैं. बुधवार को मुंबई के आज़ाद मैदान में ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगो ने बिल के विरोध में पोस्टर हाथ में पकड़े हुए थे, जिसपर लिखा था 'रिजेक्ट ट्रांसजेंडर बिल'. ट्रांसजेंडर समुदाय की सदस्य विक्की शिंदे ने कहा, 'ख़ुशी के मौके पर भगवान राम ने हमें लोगों को आशीर्वाद देने का अधिकार दिया है. यह भीख नहीं है, लेकिन यह इस बिल के तहत आपराधिक है. अगर आप हमें रोज़गार नहीं दे सकते , तो हमारा रोज़गार भी नहीं छीने. मैं पीएम मोदी से इस बिल को रोकने के लिए अपील करती हूं.'

लोकसभा में बिल पारित होने के बाद ट्रांसजेंडर समुदाय के प्रतिनिधियों ने इस विधेयक को पीछे की ओर लौटने वाला; और ट्रांसजेंडर व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का हनन बताया. इस समुदाय के सदस्य जमाल के अनुसार यह विधेयक भीख मांगने को अपराध घोषित करता है और इसके लिए जेल का प्रावधान है. ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) बिल, 2016 को ट्रांसजेंडर को परिभाषित करने और उनके खिलाफ भेदभाव पर रोक लगाने के लिए लोकसभा में दो साल पहले लाया गया था. यह 27 संशोधनों के साथ पारित किया गया. यह विधेयक ट्रांसजेंडरों के अधिकारों के संरक्षण और उनके कल्याण के प्रावधान प्रदान करेगा. विधेयक को अगस्त 2016 में लोकसभा में पेश किया गया था और सदस्यों की मांग के मद्देनजर, इसे सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता पर स्थायी समिति के पास भेज दिया गया था.

2011 की जनगणना के अनुसार, ऐसे लोग जिनकी पहचान 'पुरुष' या 'महिला' के तौर पर नहीं, बल्कि 'अन्य' के तौर पर हुई, उनकी संख्या 4,87,803 थी, जोकि कुल आबादी का 0.04 प्रतिशत था.