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गुरु नानक देव की आज 552वीं जयंती, पूरी दुनिया में मनाया जा रहा प्रकाश पर्व

Guru nanak jayanti: सिखों के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी की आज 552वीं जयंती है. पंजाब समेत पूरे विश्व में प्रथम पातशाही का गुरु पर्व श्रद्धा और उल्लास से मनाया जा रहा है. वहीं इस बार करतारपुर कॉरिडोर के दोबारा खुलने से सिख संगत की खुशी दोगुनी हो गई है.

Updated on: 19 Nov 2021, 02:37 PM

highlights

  • आज सिख धर्म के प्रथम गुरु गुरुनानक देव की जयंती
  • यह सिख धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है
  • पंजाब सहित पूरी दुनिया में सिख धर्म के लोग मना रहे पर्व

नई दिल्ली:

Guru nanak jayanti: पूरी दुनिया में आज कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर सिख धर्म के प्रथम गुरु गुरुनानक देव की जयंती मनाई जा रही है. प्रकाश पर्व पर सभी गुरुद्वारों में भजन और कीर्तन का आयोजन किया जा रहा है. सिख समुदाय के प्रणेता गुरुनानक देव का 552वां  प्रकाश पर्व है. गुरुनानक जयंती को सिख धर्म में गुरु पर्व या गुरु परब के नाम से मनाया जाता है. ये सिख धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है. आज के दिन सुबह प्रभात फेरियां निकाली जाती हैं और गुरुद्वारों में सबद कीर्तन का आयोजन किया जा रहा है. सभी घरों और गुरुद्वारों को रोशनी से सजाया गया है. वहीं अलग-अलग शहर में लंगरों का आयोजन किया जा रहा है. गुरु नानक जयंती या गुरुपर्व कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को मानाई जाती है. 

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आज 552 वीं जयंती

सिखों के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी की आज 552वीं जयंती है. पंजाब समेत पूरे विश्व में प्रथम पातशाही का गुरु पर्व श्रद्धा और उल्लास से मनाया जा रहा है. वहीं इस बार करतारपुर कॉरिडोर के दोबारा खुलने से सिख संगत की खुशी दोगुनी हो गई है. ननकाना साहिब में जन्मे श्री गुरु नानक देव जी ने पंजाब के सुल्तानपुर लोधी में मूल मंत्र का उच्चारण कर गुरु ग्रंथ साहिब की बुनियाद डाली थी. यहां पर वे लगभग 14 साल भक्ति में लीन रहे. यहीं से उन्होंने अपनी यात्रा का आगाज किया था. 

यमुनानगर में 5 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई कपाल मोचन में आस्था की डुबकी

आज कार्तिक पूर्णिमा व गुरु नानक जयंती पर देश के विभिन्न राज्यों से आए 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने यमुनानगर के बिलासपुर के कपाल मोचन में तीनों सरोवर में स्नान करके आस्था की डुबकी लगाई. पिछले 5 दिनों से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, दिल्ली सहित देश के अन्य राज्यों से श्रद्धालु कपाल मोचन मेले में पहुंच रहे थे। आज मुख्य स्नान के समय सबसे पहले नागा साधुओं ने स्नान किया. उसके बाद बाकी श्रद्धालुओं ने स्नान करना शुरू किया.