Double Murder Case: RJD के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह की बढ़ी मुश्किल, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाई उम्र कैद की सजा
Double Murder Case: RJD के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को 1995 के डबल मर्डर केस में मिली उम्र कैद की सजा, सुप्रीम कोर्ट ने पलटा पटना हाईकोर्ट का फैसला
highlights
- 1995 के दोहरे हत्याकांड में पूर्व सांसद को उम्र कैद
- सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को पलटा
- राजद के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह की बढ़ी मुश्किल
नई दिल्ली:
Double Murder Case: देश की सर्वोच्च अदालत ने 1995 में हुए दोहरे हत्याकांड मामले में बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को इस मामले में दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा का ऐलान किया है. शीर्ष अदालत ने राजद के पूर्व सांसद और बिहार की नीतीश सरकार को आदेश दिया है कि वह पीड़िता को 10 लाख रुपए का मुआवजा भी दें. बता दें कि फिलहाल प्रभुनाथ सिंह एक अन्य हत्या के मामले में हजारीबाग जेल में सजा काट रहे हैं.
ये है पूरा मामला
शुक्रवार 1 सितंबर को देश की शीर्ष अदालत ने बिहार में 1995 में हुए दोहरे हत्याकांड मामले में अहम फैसला सुनाया. बता दें कि महाराजगंज लोकसभा सीट से तीन बार जदयू और एक बार राजद की टिकट पर चुनाव जीतकर सांसद रह चुके प्रभुनाथ सिंह पर मसरख के एक मतदान केंद्र के करीब एक दरोगा और एक युवक की हत्या का आरोप लगा था. इस मामले में दोनों मृतकों ने प्रभुनाथ सिंह को वोट नहीं दिया था. इस वजह से इनकी हत्या कर दी गई थी. हालांकि लंबे चले इस केस में कोर्ट ने प्रभुनाथ सिंह को दोषी पाया और इस मामले में 1 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट की ओर से पूर्व सांसद को उम्र कैद की सजा का फैसला सुनाय गया.
Supreme Court sentenced life imprisonment to Bihar politician Prabhunath Singh in a matter pertaining to 1995 double murder case pic.twitter.com/1WmHpKB6nb
— ANI (@ANI) September 1, 2023
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इस मामले में पहले निचली अदालत ने सबूतों के अभाव में राजद के पूर्व सांसद को बरी कर दिया था. यहां से मामले हाई कोर्ट पहुंचा जहां पर भी निचली कोर्ट के फैसले को सही ठहराया गया था. हालांकि इसके बाद ये मामले सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जहां हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में प्रभुनाथ सिंह को दोषी पाया और सजा सुनाई गई.
सुप्रीम कोर्ट में जिस बेंच ने इस मामले की सुनवाई की उसमें न्यायधीश संजय किशन कौल, न्यायाधीश एएस ओक और विक्रम नाथ प्रमुख रूप से शामिल थे. इस बेंच ने हाई कोर्ट के फैसले को पलटा और प्रभुनाथ सिंह के खिलाफ पर्याप्त सबूत होने की बात कही. इस मामले में अन्य आरोपियों की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट ने भी सहमति जताई.
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