सुप्रीम कोर्ट ने तरुण तेजपाल के खिलाफ सुनवाई करने के लिए निचली अदालत को दी अनुमति
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को गोवा की एक अदालत को यौन उत्पीड़न के मामले में तहलका पत्रिका के संस्थापक संपादक तरुण तेजपाल के खिलाफ सुनवाई शुरू करने की इजाजत दे दी।
highlights
- तरुण तेजपाल पर नवंबर 2013 में अपने एक महिला सहयोगी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है
- शीर्ष अदालत ने बंबई हाई कोर्ट को तरुण तेजपाल की याचिका पर फैसला लेने के लिए तीन महीने का समय दिया है
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को गोवा की एक अदालत को यौन उत्पीड़न के मामले में तहलका पत्रिका के संस्थापक संपादक तरुण तेजपाल के खिलाफ सुनवाई शुरू करने की इजाजत दे दी।
तरुण तेजपाल पर नवंबर 2013 में अपने एक महिला सहयोगी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की पीठ ने निचली अदालत को मामले में गवाहों से जिरह करने को कहा है।
हालांकि शीर्ष अदालत ने निचली अदालत को मामले में फैसला सुनाने से तब तक के लिए रोक दिया है, जब तक बंबई हाई कोर्ट में तेजपाल की ओर से उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे के खिलाफ दी गई चुनौती पर फैसला नहीं आ जाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को 15 मई, 2015 के अपने आदेश का जिक्र किया, जिसमें निचली अदालत को एक साल के भीतर सुनवाई पूरी करने को कहा गया था, जो कि नहीं हुआ।
निचली अदालत ने शीर्ष अदालत से और अधिक समय देने की मांग की थी। उधर, शीर्ष अदालत ने बंबई हाई कोर्ट को तहलका के पूर्व संपादक की याचिका पर फैसला लेने के लिए तीन महीने का समय दिया है।
बंबई हाई कोर्ट की पणजी पीठ ने 26 नवंबर को तेजपाल के खिलाफ निचली अदालत की ओर से आरोप तय करने पर रोक लगाने से मना कर दिया था और कहा था कि निचली अदालत हाई कोर्ट की इजाजत के बाद ही मामले में आगे की सुनवाई करेगी।
और पढ़ें: दिल्ली में लागू होगा ऑड-ईवन, महिलाओं को भी नहीं मिलेगी छूट
बाद में 28 नवंबर को निजली अदालत की ओर से तेजपाल के खिलाफ आधिकारिक पद का लाभ लेते हुए दुष्कर्म करने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2), 354 'ए' और 'बी' कपड़े उतारने के इरादे के साथ आपराधिक बल प्रयोग के लिए गलत तरीके से अवरोध की धारा 341 और गलत तरीके परिरोध करने के लिए धारा 342 के तहत आरोप तय किए गए थे।
तेजपाल ने इन आरोपों के लिए खुद को दोषी नहीं होने की दलील दी थी।
इससे पहले एक जुलाई, 2014 को तेजपाल को जमानत देते हुए शीर्ष अदालत ने निचली अदालत को आठ महीने के भीरत सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया था और तेजपाल से सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने को कहा गया था। साथ ही, उनको अनावश्यक रूप से अदालत की कार्यवाही में रुकावट नहीं डालने को कहा गया था।
और पढ़ें: कांग्रेस नेता शकील अहमद का आरोप, सभी चैनल पैसे लेकर कर रहे हैं सर्वे
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Vindu Dara Singh Birthday: मुस्लिम लड़की से शादी करके पछताए विंदू दारा सिंह, विवादों में रही पर्सनल लाइफ
-
Heeramandi: सपने में आकर डराते थे भंसाली, हीरामंडी के उस्ताद इंद्रेश मलिक ने क्यों कही ये बात
-
Sonali Bendre On South Cinema: बहुत मुश्किल है साउथ फिल्मों में काम करना, सोनाली बेंद्रे ने क्यों कही ये बात?
धर्म-कर्म
-
Shani Jayanti 2024: ये 4 राशियां हैं शनिदेव को बहुत प्रिय, शनि जयंती से इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन!
-
Aaj Ka Panchang 6 May 2024: क्या है 6 मई 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल
-
Love Rashifal 6 May 2024: इन राशियों का आज पार्टनर से हो सकता है झगड़ा, जानें अपनी राशि का हाल
-
Somwar Ke Upay: सोमवार के दिन करें ये चमत्कारी उपाय, शिव जी हो जाएंगे बेहद प्रसन्न!