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Ayodhya Verdict : सुप्रीम कोर्ट का फैसला, मस्जिद के लिए अन्य स्थान पर दी जाएगी जमीन

कई सदियों से चला आ रहा अयोध्या विवाद पर देश की सर्वोच्च अदालत ने फैसला सुनाया है. सीजेआई रंजन गोगोई ने एक-एक करके कई प्वांइट्स के जरिए फैसला सुनया. इस मामले पर फैसला सुनाने से पहले सीजेआई रंजन गोगोई ने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की.

Updated on: 09 Nov 2019, 11:18 AM

नई दिल्ली:

कई सदियों से चला आ रहा अयोध्या विवाद पर देश की सर्वोच्च अदालत ने फैसला सुनाया है. सीजेआई रंजन गोगोई ने एक-एक करके कई प्वांइट्स के जरिए फैसला सुनया. इस मामले पर फैसला सुनाने से पहले सीजेआई रंजन गोगोई ने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की. यह फैसला सर्वसम्मति से हुआ है. यानी 5 जजों की बेंच ने एक मत से यह फैसला सुनाया. जानिए 5 प्वाइंट्स में क्या फैसला आया.


शिया बोर्ड की याचिका खाजिर कर दी गई है.
कोर्ट ने जताया आस्‍था पर विश्‍वास जताया. सीजेआई ने माना की मीर बाकी ने मस्‍जिद बनवाई थी.
निर्मोही अखाड़े का भी दावा खारिज कर दिया गया. कोर्ट ने कहा कि निर्मोही अखाड़े के पास मालिकाना हक नहीं है. उसके पास सिर्फ रख-रखाव का हक है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालतें आस्‍था और विश्‍वास में दखल नहीं देती. कोर्ट ने रामलला को पक्षकार माना. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रामजन्‍म स्‍थान की कानूनी वैधता नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने माना कि मस्जिद के नीचे कोई ढांचा पहले था. ASI की रिपोर्ट के जरिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मस्‍जिद खाली स्‍थान पर नहीं बनाई गई थी. मस्जिद के नीचे मिला ढांचा गैर इस्लामिक था. कोर्ट ने ASI की रिपोर्ट को सही माना. कोर्ट ने कहा कि ASI की रिपोर्ट को खारिज नहीं किया जा सकता.
बाबरी ढांचे को गिराना इस देश के कानून का उल्लंघन था.
सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिमों को एक वैकल्पिक जमीन देने की बात कही है.