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सुब्रमण्यम स्वामी ने नेपाल मसले पर दे डाली पीएम नरेंद्र मोदी को नसीहत, दी पुराने दिनों की दुहाई

बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) ने नेपाल मसले पर मोदी सरकार को सलाह देते हुए नसीहत तक दे डाली है. स्वामी ने नेपाल से रोटी-बेटी के रिश्ते वाले प्राचीन संबंधों के अनुकूल व्यवहार करने को कहा है.

Updated on: 29 May 2020, 02:54 PM

highlights

  • नेपाल से जारी गतिरोध के बीच बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने दी पीएम मोदी को सलाह.
  • भारत-नेपाल के रीटो-बेटी वाले रिश्तों की याद दिला सहृदयी रवैया अपनाने को कहा.
  • हालांकि विदेश मंत्रालय पहले ही विश्वास बहाली की बात कर दे चुका है संकेत.

नई दिल्ली:

कोरोना संक्रमण (Corona Virus) पर भारत को लेकर नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) के बयान और फिर भारतीय इलाकों को अपने नक्शे में शामिल करने की धृष्टता के बीच भारत-नेपाल संबंध सहज-सरल नहीं रह गए हैं. विदेश मंत्रालय ने देश की भावनाओं को छिपाने की कोशिश भी नहीं की है और स्पष्ट कह दिया है कि पहले विश्वास बहाली के बाद ही द्विपक्षीय संबंधों की राह पर न सिर्फ आगे बढ़ा जाएगा, बल्कि गतिरोध भी तभी दूर हो सकेगा जब नेपाल विश्वास करे. इस बीच बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) ने नेपाल मसले पर मोदी सरकार को सलाह देते हुए नसीहत तक दे डाली है. स्वामी ने नेपाल से रोटी-बेटी के रिश्ते वाले प्राचीन संबंधों के अनुकूल व्यवहार करने को कहा है.

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नेपाल से बताया रोटी-बेटी का रिश्ता
शुक्रवार को सुब्रमण्यम स्वामी ने मोदी 2.0 सरकार को निशाने पर लेते हुए अपनी सलाह देती एक ट्वीट कर डाली. इस ट्वीट में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विदेश विभाग से जुड़े अधिकारियों खासकर राजदूतों को अपने नेपाली समकक्षों से की जाने वाली बातचीत में नरमी बरतने का संकेत दें. स्वामी ने इसके आगे कहा कि नेपाल से हमारा खून का रिश्ता है और वह छोटे भाई की तरह है. ऐसे में आज अगर नेपाल को अलग-थलग पड़ने का अहसास हो रहा है तो भारत को बड़े दिल और सहृदयता का परिचय देते हुए उनकी भावनाओं को समझ संबंधों को नई गर्माहट से भरना चाहिए. गौरतलब है भारत और नेपाल के बीच सदियों से रोटी-बेटी वाले संबंध रहे हैं.

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विदेश मंत्रालय ने दिया विश्वास बहाली पर जोर
ऐसे समय जब विदेश मंत्रालय नेपाल को लेकर सधी बयानबाजी कर रहा है, स्वामी की सलाह इस बात का संकेत है कि भारत का रुख नेपाल को लेकर कड़ा है. भारत इस बार नेपाल को लेकर जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाना चाहता है. वह नेपाल को बता देना चाहता है कि किसी के उकसावे पर भड़काऊ बयानबाजी का असर दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर पड़कर ही रहेगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था कि भारत अपने सभी पड़ोसियों के साथ भरोसे और विश्वास के माहौल में परस्पर सम्मान की भावना के साथ बात करने को तैयार है. यह एक सतत प्रकिया है और इसके लिए रचनात्मक और सकारात्मक प्रयासों की जरूरत है. भारत का कहना है कि नेपाल के साथ लगातार बातचीत जारी है.