त्रिपुरा: भगवा जीत के बाद BJP 'समर्थकों' ने लेनिन की मूर्ति पर चलाया बुलडोजर
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य के डीजीपी और राज्यपाल से बातचीत कर इस मामले की रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
नई दिल्ली:
दक्षिण त्रिपुरा के बेलोनिया कॉलेज स्क्वायर में कथित रुप से बीजेपी समर्थकों द्वारा लेनिन की मूर्ति को गिराने का मामला समाने आया है।
सीपीएम (मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी) नेताओं का आरोप है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने इस घटना को अंजाम दिया।
वीडियो में भी देखा जा सकता है कि कुछ लोग जिन्होंने बीजेपी का कमल निशान वाले टोपी और कपड़े पहन रखे हैं बुलडोजर की मदद से रुसी क्रांति के नायक व्लादिमीर लेनिन की मूर्ति तोड़ रहे हैं। भीड़ लेनिन की मूर्ति ढहाते वक्त भारत माता की जय के नारे भी लगा रहे हैं।
#WATCH: Statue of Vladimir Lenin brought down at Belonia College Square in Tripura. pic.twitter.com/fwwSLSfza3
— ANI (@ANI) March 5, 2018
सीपीएम ने लेनिन की मूर्ति तोड़ने की घटना पर दुख ज़ाहिर करते हुए नाराजगी जताई है।
सीपीएम ने ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुए लिखा, 'त्रिपुरा में चुनाव जीतने के बाद हुई हिंसा प्रधानमंत्री के लोकतंत्र पर भरोसे के दावों का मजाक उड़ाती है। त्रिपुरा में वामपंथी और उनके समर्थकों के बीच डर और असुरक्षा की भावना फैलाने की कोशिश की जा रही है।'
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य के डीजीपी और राज्यपाल से बातचीत कर इस मामले की रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
और पढ़ें: डोकलाम में चीन ने किया हेलीपैड और संतरी चौकियों का निर्माण- निर्मला सीतारमण
25 सालों से सत्ता में रही सीपीएम ने आरोप लगाया है कि वामपंथी दफ्तरों के साथ कार्यकर्ताओं के घरों को भी निशाना बनाया जा रहा है।
बता दें कि त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अकेले 35 सीट पर जीत हासिल की है। वहीं सहयोगी दल IPFT (इंडीजनस पीपुल्स फ्रंट) के साथ कुल 43 सीट पर जीत हासिल की है।
इससे पहले 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी 49 सीटों पर अपना ज़मानत तक नहीं बचा पाई थी।
त्रिपुरा में अप्रैल-1993 से लेफ़्ट की सरकार है ऐसे में बीजेपी की यह जीत काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है लेकिन इस तरह की हिंसक घटनाओं से उनके साख पर बट्टा लग रहा है।
कौन है व्लादिमीर लेनिन
लेनिन को रूसी क्रांति के नायक रूका नायक माना जाता है। रूस को क्रांति का रास्ता दिखाकर सत्ता तक पहुंचाने में व्लादिमीर लेनिन का अहम योगदान था।
साल 1889 में उन्होंने स्थानीय मार्क्सवादियों का संगठन बनाया।
मार्क्सवादी विचारक लेनिन के नेतृत्व में 1917 में रूस की क्रांति हुई थी। रूसी कम्युनिस्ट पार्टी (बोल्शेविक पार्टी) के संस्थापक लेनिन के मार्क्सवादी विचारों को 'लेनिनवाद' के नाम से जाना जाता है।
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