कमलनाथ के राष्ट्रीय राजनीति में जाने की चर्चा से प्रदेश के कांग्रेसी चिंतित
अगर कमलनाथ राष्ट्रीय राजनीति में चले गए तो राज्य में फिर गुटबाजी का नया दौर शुरू हो जाएगा. बीते लगभग एक माह से कांग्रेस के अंदर चल रही गतिविधियों ने यह संकेत तो दे ही दिए हैं कि कमलनाथ की राष्ट्रीय राजनीति में जरूरत महसूस की जाने लगी है.
highlights
- मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ करेंगे राष्ट्रीय राजनीति
- स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं में कमलनाथ के जाने से चिंता
- कमलनाथ की दिल्ली में सक्रियता लगातार बढ़ रही है
नई दिल्ली :
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ की राष्ट्रीय राजनीति में बढ़ती सक्रियता और उनको पार्टी की बड़ी जिम्मेदारी सौंपे जाने की चचार्ओं ने राज्य के कांग्रेसी नेताओं को चिंतित कर दिया है. हर किसी को इस बात का डर सताने लगा है कि अगर कमलनाथ राष्ट्रीय राजनीति में चले गए तो राज्य में फिर गुटबाजी का नया दौर शुरू हो जाएगा. बीते लगभग एक माह से कांग्रेस के अंदर चल रही गतिविधियों ने यह संकेत तो दे ही दिए हैं कि कमलनाथ की राष्ट्रीय राजनीति में जरूरत महसूस की जाने लगी है. ऐसा इसलिए क्योंकि कमलनाथ एक ऐसे नेता हैं जिनकी गांधी परिवार से नजदीकियां है और उनका किसी गुट से नाता नहीं रहा. यही कारण है कि राजस्थान में चले विवाद का मसला हो या फिर पंजाब का, उसमें पार्टी हाईकमान ने कमलनाथ की मदद ली है.
कमलनाथ की लगातार दिल्ली में सक्रियता बढ़ रही है और वे पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के अलावा महासचिव प्रियंका गांधी से भी मुलाकात कर चुके हैं. इसके चलते संभावनाएं इस बात की बढ़ गई है कि आने वाले समय में कमलनाथ को राष्ट्रीय राजनीति में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है . कहा तो यहां तक जा रहा है कि उनको कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाया जा सकता है.
यह भी पढ़ेंःओवैसी की पार्टी AIMIM का ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट हैक, लगाई एलन मस्क की फोटो
कमलनाथ की राष्ट्रीय राजनीति में जाने की चल रही चचार्ओं ने राज्य के कांग्रेसी नेताओं को चिंता में डाल दिया है. यही कारण है कि पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा को पार्टी में बिखराव की चिंता सताने लगी है. उनका कहना है, कमलनाथ ऐसे नेता है जो सभी को एकजुट रखने में कामयाब रहे हैं, इसलिए उनकी राज्य को जरूरत है. अगर वे राष्ट्रीय राजनीति में भी जाते हैं तो उन्हें मध्य प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रखा जाए ऐसी वे हाईकमान से मांग करेंगे.
यह भी पढ़ेंःमॉनसून सत्र से पहले लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला सभी पार्टियों के नेताओं से मिले
कांग्रेस के अन्य नेता भी यही बात मान रहे हैं. उनका कहना है कि कमलनाथ ने जब प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाली थी तब राज्य में कई गुट हुआ करते थे. धीरे-धीरे गुटबाजी खत्म हो गई और आज पूरी कांग्रेस एक है. अगर कमलनाथ यहां से चले गए तो फिर पार्टी गुटों में बट जाएगी और वर्ष 2023 में होने वाले विधानसभा के चुनाव में पार्टी सत्ता में पहुंचने का सपना पूरा नहीं कर पाएगी.
यह भी पढ़ेंःयूपी में दलित दूल्हा का सपना हुआ साकार, घोड़े पर हुआ सवार
राजनीतिक विश्लेषक सजि थॉमस का कहना है, कांग्रेस बहुत लंबे अरसे बाद एकजुट नजर आती है. उसका बड़ा कारण यह है कि तमाम गुट खत्म हो चुके हैं. इसकी बड़ी वजह कमलनाथ का राजनीतिक अनुभव और उनकी वरिष्ठता है. इन स्थितियों में अगर कमलनाथ राष्ट्रीय राजनीति में जाते हैं तो मध्यप्रदेश में कांग्रेस में बिखराव की संभावना बनी रहेगी इसलिए कांग्रेसी नेताओं का चिंतित होना स्वाभाविक है. कांग्रेस कभी गुटों का पर्याय होती थी, अब ऐसा नहीं है. कमल नाथ राष्टीय राजनीति में जाते है तो राज्य में कांग्रेस को चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Vindu Dara Singh Birthday: मुस्लिम लड़की से शादी करके पछताए विंदू दारा सिंह, विवादों में रही पर्सनल लाइफ
-
Heeramandi: सपने में आकर डराते थे भंसाली, हीरामंडी के उस्ताद इंद्रेश मलिक ने क्यों कही ये बात
-
Sonali Bendre On South Cinema: बहुत मुश्किल है साउथ फिल्मों में काम करना, सोनाली बेंद्रे ने क्यों कही ये बात?
धर्म-कर्म
-
Shani Jayanti 2024: ये 4 राशियां हैं शनिदेव को बहुत प्रिय, शनि जयंती से इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन!
-
Aaj Ka Panchang 6 May 2024: क्या है 6 मई 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल
-
Love Rashifal 6 May 2024: इन राशियों का आज पार्टनर से हो सकता है झगड़ा, जानें अपनी राशि का हाल
-
Somwar Ke Upay: सोमवार के दिन करें ये चमत्कारी उपाय, शिव जी हो जाएंगे बेहद प्रसन्न!