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ट्रंप की यात्रा पर शिवसेना का सवाल, कहा स्वागत की तैयारी दिखाती है गुलामी मानसिकता

शिवसेना ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बहुप्रतीक्षित भारत यात्रा के लिए हो रही तैयारी भारतीयों की “गुलाम मानसिकता” को प्रदर्शित करती है. पार्टी के मुखपत्र “सामना” के संपादकीय में कहा गया कि ट्रंप की भारत यात्रा किसी ‘बादशाह क

Updated on: 17 Feb 2020, 12:42 PM

मुंबई:

शिवसेना ने सोमवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बहुप्रतीक्षित भारत यात्रा के लिए हो रही तैयारी भारतीयों की “गुलाम मानसिकता” को प्रदर्शित करती है. पार्टी के मुखपत्र “सामना” के संपादकीय में कहा गया कि ट्रंप की भारत यात्रा किसी ‘बादशाह की यात्रा की तरह है. अहमदाबाद में एक भूखंड पर कथित तौर पर दीवार बनाए जाने की आलोचना करते हुए शिवसेना ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति की यात्रा से न तो विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपए के गिरते मूल्य में सुधार होगा और न ही दीवार के पीछे झुग्गियों में रहने वालों की हालत सुधेरगी.

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कहा जा रहा है कि ट्रंप की यात्रा से पहले, अहमदाबाद में उस भूखंड पर दीवार बनाई जा रही है जिसमें कई झुग्गियां हैं. सामना में कहा गया, “स्वतंत्रता से पहले, ब्रिटेन के राजा और रानी अपने की भी गुलाम देश में जाते थे. ट्रंप की यात्रा के लिए करदाताओं के पैसे से इसी प्रकार की तैयारियां हो रही हैं. यह भारतीयों की गुलाम मानसिकता का परिचायक है.” अहमदाबाद में झुग्गी झोपड़ियों वाले भूखंड पर ‘‘झुग्गियां छिपाने के लिए’’ अहमदाबाद नगर निगम द्वारा दीवार बनाने के निर्णय को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए शिवसेना ने कहा कि ट्रंप के काफिले की नजर से झुग्गियों को छुपाने के लिए दीवार बनाई जा रही है.

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मराठी प्रकाशन ने अपने संपादकीय में कहा है ‘कभी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ‘गरीबी हटाओ’ का नारा दिया था जिसका लंबे समय तक मजाक उड़ाया गया था. ऐसा लगता है कि अब मोदी की योजना ‘गरीब छुपाओ’ की है.’’ संपादकीय में सवाल किए गए हैं कि क्या अहमदाबाद में इस तरह की दीवार बनाने के लिए कोई वित्तीय आवंटन किया गया है. क्या देश भर में ऐसी दीवार बनाने के लिए अमेरिका भारत को रिण की कोई पेशकश करने जा रहा है. पार्टी ने संपादकीय में कहा है ‘‘हमने सुना है कि ट्रंप अहमदाबाद में केवल तीन घंटे ही रहेंगे लेकिन दीवार के निर्माण से राजकोष पर करीब 100 करोड़ रुपये का भार पड़ रहा है.