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अयोध्‍या में राम मंदिर विवाद मामले की सुनवाई की नहीं होगी लाइव स्‍ट्रीमिंग, याचिका खारिज

याचिका में सुप्रीम कोर्ट के सितंबर 2018 के आदेश का हवाला दिया गया, जिसमें कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग अनिवार्य है.

Updated on: 06 Aug 2019, 01:15 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) विचारक के.एन. गोविंदाचार्य की याचिका खारिज कर दी, जिसमें अयोध्या मामले की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह अब संभव नहीं है. शनिवार को दाखिल की गई अपनी याचिका में गोविंदाचार्य ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ से अयोध्या मामले की सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग कराने का आग्रह किया था. अयोध्या मामले की सुनवाई शुरू हो चुकी है.

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याचिका में सुप्रीम कोर्ट के सितंबर 2018 के आदेश का हवाला दिया गया, जिसमें कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग अनिवार्य है. याचिका में कहा गया कि आदेश आने के एक साल होने के बाद भी यह अभी तक लागू नहीं हुआ है.

गोविंदाचार्य ने अपनी याचिका में कहा, "यह मामला राष्ट्रीय महत्व का है. याचिकाकर्ता समेत लाखों देशवासी इसकी कार्यवाही देखना चाहते हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान नियम के कारण वे ऐसा नहीं कर सकते."

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उन्होंने कहा, "अगर लाइव स्ट्रीमिंग अभी संभव नहीं है, तो अदालत के अधिकारी कार्यवाही की ऑडियो या वीडियो रिकॉर्डिग कर सकते हैं और इसे बाद में शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किया जा सकता है."

उन्होंने कहा कि लोग राम मंदिर मामले में जल्द से जल्द न्याय के लिए लालायित हैं, जहां भगवान राम पिछले कई सालों से अस्थाई टेंट में रखे गए हैं.