राम मंदिर को लेकर मुनव्वर राणा ने उगला जहर, कहा- SC ने न्याय नहीं किया
मुनव्वर राणा ने राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अब ऐतराज जताया है. उन्होंने निजी समाचार चैनल से बातचीत करते हुए बताया कि राम मंदिर मामले पर सुप्रीम कोर्ट से इंसाफ नहीं मिला है.
नई दिल्ली:
अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में बने रहने वाले मशहूर शायर मुनव्वर राणा ने एक बार फिर मंदिर मुद्दे को लेकर नया राग अलापा है. मुनव्वर राणा ने राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अब ऐतराज जताया है. उन्होंने निजी समाचार चैनल से बातचीत करते हुए बताया कि राम मंदिर मामले पर सुप्रीम कोर्ट से इंसाफ नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला तो सुना दिया है लेकिन न्याय नहीं किया. राणा ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानना अब मजबूरी बन गया है जिसे अब मानना ही पड़ेगा.
मुनव्वर राणा इतने पर ही चुप नहीं हुए उन्होंने राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा कि इस फैसले से वो दुखी और खफा हैं. उन्होंने इस दौरान राम मंदिर पर फैसला सुनाने वाले पूरी मुख्य न्यायाधीश जस्टिस गोगोई और एसए बोबड़े के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल भी किया था. राणा ने आगे कहा कि राम मंदिर के भूमिपूजन में मुसलमानों को भी भागीदारी दी जानी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद के गिर जाने के बाद जिस इंसाफ की उम्मीद थी वो उन्हें नहीं मिला.
बाबरी मस्जिद को रायबरेली में बनाने की मांग,पीएम को लिखा पत्र
मुव्वर राणा ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि अयोध्या में दी गई जमीन पर राजा दशरथ के नाम से अस्पताल बनवा दिया जाए, जबकि शिया और सुन्नी बोर्ड जैसी संस्थाओं को खत्म कर दिया जाए क्योंकि ये संस्थाएं मुसलमानों की रहनुमाई नहीं करतीं. ऐसे में देवबंद या दूसरे मुस्लिम मदारीस को साथ लेकर मस्जिद की बात की जाए. मुनव्वर राना ने कहा कि बाबरी मस्जिद को रायबरेली में बनाया जाए.
मुनव्वर राणा के नहले पर मोहसिन रजा का दहला
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मोहसिन रजा ने मुनव्वर राना को दो टूक जवाब देते हुए कहा है कि, वो उस समय कहां थे जब सुप्रीम कोर्ट ने आपसी बातचीत से अयोध्या विवाद में हल लेकर आने को कहा था. जब सरकार ने दोनो पक्षों को बातचीत के मसले पर हल निकालने को कहा था तब मुनव्वर राणा कहां थे. मोहसिन रजा ने अपना हमला जारी रखते हुए कहा कि, ये वही लोग हैं जो अंत तक यह कहते रहे कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला चाहे जो होगा, हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करेंगे. अब जब राम मंदिर के निर्माण की शुरुआत हो गई है तो फैसले पर सवाल उठा रहे हैं और प्रधानमंत्री को चिट्टियां लिख रहे हैं.
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