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'मोदी सरनेम' वाले बयान पर बुरे फंसे राहुल गांधी, 23 मार्च को आएगा फैसला

मोदी सरनेम को लेकर राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ने वाली है. कांग्रेस सांसद के बयान को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में 23 मार्च को सूरत कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है.

Updated on: 20 Mar 2023, 05:24 PM

highlights

  • राहुल गांधी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
  • मोदी सरनेम वाली टिप्पणी पर कोर्ट का आएगा फैसला
  • सूरत कोर्ट 23 मार्च को सुनाएगा फैसला

नई दिल्ली:

मोदी सरनेम को लेकर राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ने वाली है. कांग्रेस सांसद के बयान को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में 23 मार्च को सूरत कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है. कोर्ट की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी को यहां पेश होना होगा. राहुल गांधी के वकील किरीट पानवाला ने कहा कि जब अदालत का आदेश आएगा तो कांग्रेस नेता मौजूद रहेंगे. बता दें कि गुजरात के बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने सूरत कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ याचिका दर्ज कराई थी. कोर्ट इसी याचिका पर सुनवाई कर रही है. राहुल गांधी इस मामले में तीन बार कोर्ट में पेश हो चुके हैं. 

दरअसल, 2019 लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने कर्नाटक की एक सभा में कहा था कि कैसे सभी चोरों का सरनेम मोदी है?. इसमें भारत का भगौड़ा नीरव मोदी, ललित मोदी और नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था. 13 अप्रैल को कर्नाटक के कोलार की एक सभा में राहुल गांधी ने कहा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी सभी चोरों का सरनेम एक ही है. राहुल गांधी के इस बयान पर सूरत से बीजेपी के विधायक पूर्णेश मोदी ने मानहानि का केस दर्ज कराया था. 

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गुजरात हाई कोर्ट ने निचली अदालत से सुनवाई तेज करने को कहा

इस मामले को लेकर गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने निचली अदालत  की सुनवाई सुस्त होने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. हालांकि, हाई कोर्ट ने मोदी की याचिका खारिज करते हुए सूरत ट्रायल कोर्ट से सुनवाई तेज करने को कहा था. कोर्ट ने यह निचली अदालत को निर्देश दिया था कि इस मामले की सुनवाई तेज होनी चाहिए. 

कोर्ट में राहुल गांधी ने खुद को बताया निर्दोष
सूरत की निचली अदालत में इस मामले को लेकर कई बार सुनवाई हो चुकी है. सुनवाई के दौरान राहुल गांधी तीन बार कोर्ट में उपस्थित हुए थे. वह अपना बयान दर्ज कराने के लिए आखिरी बार अक्टूबर 2021 में पेश हुए थे और खुद को निर्दोष बताया था. राहुल गांधी ने कोर्ट में अपने बयान को राजनीतिक कटाक्ष कहा था. उन्होंने कहा था कि उनका मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था. सिर्फ राजनीतिक कटाक्ष के लिए यह बात कही गई थी.