logo-image

पीएम मोदी ने किया अरुण जेटली को याद, कहा- मेरे दोस्त की बहुत याद आती है

भारतीय जनता पार्टी के नेता अरुण जेटली की आज यानी 24 अगस्त को पहली पुण्यतिथि है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी समेत कई नेताओं ने उन्हें याद किया है.

Updated on: 24 Aug 2020, 11:18 AM

नई दिल्ली:

भारतीय जनता पार्टी के नेता अरुण जेटली की आज यानी 24 अगस्त को पहली पुण्यतिथि है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी समेत कई नेताओं ने उन्हें याद किया है. प्रधानमंत्री मोदी ने जेटली को याद करते हुए कहा, मैं अपने दोस्त को बहुत याद करता हूं. उन्होंने ट्वीट किया, 'पिछले साल, इसी दिन हमने अरुण जेटली जी को खो दिया. मैं अपने दोस्त को बहुत याद करता हूं. उन्होंने लगन से देश की सेवा की उनकी बुद्धि, कानूनी कौशल और व्यक्तित्व महान था.' इस ट्वीट में पीएम मोदी ने अरुण जेटली की श्रद्धांजलि सभा में दिया भाषण भी शेयर किया.

गृम मंत्री अमित शाह ने भी अरुण जेटली को याद किया है. उन्होंने ट्वीट किया, एक उत्कृष्ट राजनीतिज्ञ, विपुल वक्ता और एक महान इंसान, जिनका भारतीय राजनीति में कोई समानता नहीं थी. वह बहुआयामी और मित्रों के मित्र थे. उन्हें हमेशा अपनी विशाल विरासत, परिवर्तनकारी दृष्टि और देश भक्ति के लिए याद किया जाएगा

वहीं राजनाथ सिंह ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, जेटली जी एक दिग्गज थे जिन्होंने भाजपा के विकास और सत्ता में वृद्धि के लिए एक बड़ा योगदान दिया. उन्होंने एक सफल वकील, अनुभवी सांसद और प्रभावी प्रशासक के रूप में अपनी पहचान बनाई.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) की सरकार में वित्त मंत्री रह चुके दिवंगत नेता अरुण जेटली (Arun Jaitley) की आज पुण्यतिथि (Death Anniversary) है. एबीवीपी के कार्यकर्ता से देश के वित्तमंत्री तक का उनका सफर काफी संघर्ष भरा रहा है. अरुण जेटली देश के उन चुनिंदा नेताओं में शामिल हैं जो अपने आखिरी समय में भी देश की समस्याओं को हल करने के लिए मजबूत इरादों के साथ डटे रहे. अरुण जेटली के निधन को एक साल पूरा होने पर देशभर के नेता उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं.

अरुण जेटली की बेटी सोनाली ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि उनके पिता 1975 में एक एबीवीपी कार्यकर्ता के तौर पर जब उनके पिता ने इमरजेंसी के खिलाफ प्रदर्शन किया, तो उन्हें जेल में डाल दिया गया. जेल में रहने के दौरान उन्हें कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशामियों का सामना करनाी पड़ा. इस दौरान उनके स्वास्थ्य पर स्थायी रूप से असर भी पड़ा. इसके बाद भी उनका हौंसला कमजोर नहीं हुआ था.