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PMC Bank Case: बैंक के निलंबित प्रबंध निदेशक, जॉय थॉमस हिरासत में लिये गए

PMC Bank Case: बैंक के निलंबित प्रबंध निदेशक, जॉय थॉमस हिरासत में लिये गए

Updated on: 04 Oct 2019, 11:04 PM

नई दिल्‍ली:

पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक के लापता प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस को यहां 4,335 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया. मुंबई पुलिस के प्रवक्ता डीसीपी प्रणय अशोक ने आईएएनएस को बताया, "जी हां, हमने आर्थिक अपराध शाखा की तरफ से दर्ज पीएमसी बैंक मामले में अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया है." पिछले चार दिनों से लापता थॉमस की गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है, जब एक दिन पहले गुरुवार को रियलिटी कंपनी एचडीआईएल के अध्यक्ष राकेश कुमार वाधवान और प्रबंधन निदेशक सारंग वाधवान को इसी विभाग ने गिरफ्तार किया था और उनकी 3,500 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली थी.

महाराष्ट्र भाजपा के उपाध्यक्ष कीर्ति सोमैया ने कहा कि पीएमसी बैंक के चेयरमैन वरयाम सिंह की तलाश जारी है. आर्थिक अपराध शाखा ने पिछले सोमवार को पीएमसी बैंक और एचडीआईएल के खिलाफ कथित तौर पर 4,335 करोड़ रुपये का बैंक को नुकसान पहुंचाने के लिए एक मामला दर्ज किया था.प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को ही इसके पहले धनशोधन के लिए अलग से जांच शुरू की और मुंबई में छह स्थानों पर छापे मारे. ईडी सूत्रों ने कहा कि पीएमसी बैंक के प्रबंधक (रिकवरी डिपार्टमेंट) की शिकायत के बाद एक मामला दर्ज किया गया. शिकायत में आरोप लगाया गया है कि एडीआईएल के संकटग्रस्त ऋण खातों को दबाने के लिए 21,000 से अधिक फर्जी खाते बनाए गए.

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मुंबई पुलिस की प्राथमिकी में थॉमस, सिंह, वाधवान और अन्य अधिकारियों के नाम हैं और मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल गठित किया गया है. इसके पहले गुरुवार को पीएमसी बैंक घोटाले (PMC Bank Scam) में पुलिस ने HDIL के दो डायरेक्टर्स राकेश और सारंग वाधवान को गिरफ्तार कर लिया गया था. आपको बता दें कि गुरुवार को हुई राकेश और सारंग की गिरफ्तारियां पीएमसी बैंक घोटाले में पहली गिरफ़्तारियां थीं. इसके पहले मुंबई पुलिस ने दोनों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था.

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दोनों आरोपियों से मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा मतलब EOW ने पूछताछ के बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पीएमसी बैंक को कर्ज में डुबाने वाले 44 बड़े अकाउंटों में 10 खाते HDIL और वाधवा से जुड़े हैं. उन 10 खातों में से एक सारंग वाधवा और दूसरा राकेश वाधवा का निजी खाता. दोनों आरोपियों ने मिलकर 3337 करोड़ का लोन पीएमसी बैंक से ले रखा है. इनके खिलाफ दर्ज एफआईआर के मुताबिक़ पीएमसी बैंक के कुछ डायरेक्टर्स की मिलीभगत से ये लोन हासिल किया गया था. जो आगे चल कर NPA में बदल दिया गया.