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ग्रामीण विकास में टेक्नोलॉजी की उपयोगिता को हमें व्यापक बनाना है- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्नाटक के दौरे पर गए हुए हैं, जहां आज उनका दूसरा दिन है. शुक्रवार को प्रधानमंत्री भारतीय विज्ञान कांग्रेस के कार्यक्रम में शामिल हुए.

Updated on: 03 Jan 2020, 11:31 AM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्नाटक के दौरे पर गए हुए हैं, जहां आज उनका दूसरा दिन है. शुक्रवार को प्रधानमंत्री भारतीय विज्ञान कांग्रेस के कार्यक्रम में शामिल हुए. भारतीय विज्ञान कांग्रेस के 107वें सेशन को प्रधानमंत्री ने संबोधित भी किया. बता दें कि गुरुवार को पीएम मोदी कर्नाटक दौरे के पहले दिन बेंगलुरु में डीआरडीओ के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. यहां उन्होंने स्वदेशी अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ाने व उन्नत प्रौद्योगिकियों से संबंधित अनुसंधानों को सक्षम बनाने के लिए बेंगलुरू में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की पांच युवा वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं का उद्घाटन किया.

बेंगलुरु में इंडियन साइंस कांग्रेस में पीएम नरेंद्र मोदी ने लोगों को संबोंधित करते हुए कहा, 'रिसर्च और डेवलपमेंट का एक ऐसा इकोसिस्टम इस शहर ने विकसित किया है, जिससे जुड़ना हर युवा वैज्ञानिक, हर इनोवेटर, हर इंजीनियर का सपना होता है. लेकिन इस सपने का आधार क्या सिर्फ अपनी प्रगति है? जी नहीं, ये सपना जुड़ा हुआ है, देश के कुछ कर दिखाने की भावना से.

उन्होंने ये भी कहा, 'मुझे खुशी है कि साल और दशक के मेरे शुरुआती कार्यक्रम सांइस, टेक्नॉलजी और इनोवेशन से जुड़े हुए है. मुझे यह जानकर खुशी हुई है कि इनोवेशन इंडेक्स में भारत की रैंकिंग सुधरकर 52 तक पहुंची है. युवा वैज्ञानिकों के लिए मेरा संदेश 'इनोवेट, पेटेंट, प्रॉड्यूस, प्रॉस्पर' का है.' 

पीएम ने कहा, 'न्यू इंडिया को टेक्नोलॉजी भी चाहिए और लॉजिकल टेम्परामेंट भी चाहिए ताकि हमारे सामाजिक और आर्थिक जीवन के विकास को हम नई दिशा दे सकें.'

उन्होंने आगे बताया, आज देश में गवर्नेंस के लिए, जितने बड़े पैमाने पर साइंस और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है, उतना पहले कभी नहीं हुआ. कल ही हमारी सरकार ने देश के 6 करोड़ किसानों को एक साथ पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा ट्रांसफर करके एक रिकॉर्ड कायम किया है. हम 'ईज ऑफ डूइंग साइंस' के लिए प्रयासरत हैं, लाल फीताशाही हटाने के लिए हम इंफर्मेशन टेक्नॉलजी का इस्तेमाल कर रहे हैं.'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'भारत के विकास में खासतौर पर ग्रामीण विकास में टेक्नोलॉजी की उपयोगिता को हमें व्यापक बनाना है. आनेवाल दशक भारत में साइंस और टेक्नोलॉजी आधारित गवर्नेंस के लिए एक अच्छा समय होने वाला है. कृषि में सहायक टेक्नॉलजी के क्षेत्र में क्रांति की जरूरत है. क्या हम किसानों के लिए मददगार पराली जलाने का समाधान ढूंढ सकते हैं.'

उन्होंने आगे कहा, 'प्लास्टिक कचड़े के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक कचरे से मेटल को निकालने और उसे दोबारा इस्तेमाल करने को लेकर भी हमें नई तकनीक, नए समाधान की जरूरत है.'