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महाराष्ट्र BJP प्रमुख ने पंकजा मुंडे को लेकर दिया बड़ा बयान, कहा- हार के बाद आत्मनिरीक्षण कर रही वो

बीजेपी नेता पंकजा मुंडे (Pankaja Munde) द्वारा ट्विटर पर से पार्टी का नाम हटाने के बाद महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल (chandrakant patil) ने सोमवार को कहा कि वह पार्टी छोड़ नहीं रही हैं.

Updated on: 02 Dec 2019, 04:00 PM

मुंबई:

बीजेपी नेता पंकजा मुंडे (Pankaja Munde) द्वारा ट्विटर पर से पार्टी का नाम हटाने के बाद महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल (chandrakant patil) ने सोमवार को कहा कि वह पार्टी छोड़ नहीं रही हैं. पाटिल ने मीडिया के एक वर्ग में आई उन खबरों का खंडन किया कि वह बीजेपी छोड़ रही हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता दिवंगत गोपीनाथ मुंडे (Gopinath munde ) की बेटी पंकजा मुंडे 21 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव में बीड जिले की परली सीट से अपने चचेरे भाई एवं प्रतिद्वंद्वी राकांपा के धनंजय मुंडे से हार गई.

पाटिल ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘भाजपा के नेता, पंकजा मुंडे से संपर्क में हैं. वह हार के बाद आत्मनिरीक्षण कर रही हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह भाजपा छोड़ रही हैं.’ उन्होंने शिवसेना नेता संजय राउत के इस दावे को खारिज किया कि कई नेता उद्धव ठाकरे नीत पार्टी में शामिल होने के लिए उत्सुक हैं. पाटिल ने कहा, ‘महाराष्ट्र में दुर्घटनावश बनी सरकार निराधार खबरें फैला रही है. उनके ठाकरे परिवार से अच्छे पारिवारिक रिश्ते हो सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि वह शिवसेना में शामिल होने जा रही हैं.’

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पंकजा मुंडे ने अपने ‘ट्विटर बायो से’ सारी जानकारी हटा दी. उन्हेंने अपनी बीजेपी का नाम और अपने राजनीतिक सफर का विवरण भी हटा दिया. इससे एक दिन पहले महाराष्ट्र में बदले राजनीतिक परिदृश्य की पृष्ठभूमि में पंकजा मुंडे ने अपनी भावी यात्रा के संबंध में सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था जिससे अटकलों का बाजार गर्म हो गया है. पंकजा मुंडे ने 28 नवंबर को तीन ट्वीट किए थे जिनमें महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बधाई दी थी लेकिन शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की गठबंधन सरकार के बारे में कुछ नहीं लिखा था. वह देवेंद्र फडणवीस सरकार में मंत्री थीं. ठाकरे नीत सरकार के गठन से पहले तक वह राज्य भाजपा इकाई की कोर कमेटी की सभी बैठकों में मौजूद रहीं.

रविवार को किये गए फेसबुक पोस्ट में पंकजा मुंडे ने अपने समर्थकों को अपने दिवंगत पिता गोपीनाथ मुंडे की जयंती के मौके पर 12 दिसंबर को गोपीनाथगढ़ आने का न्योता दिया था. गोपीनाथगढ़ बीड जिले में गोपीनाथ मुंडे का स्मारक है. पंकजा ने मराठी में लिखी फेसबुक पोस्ट में कहा कि राज्य में बदले राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए यह सोचने और निर्णय लेने की आवश्यकता है कि आगे क्या किया जाए. मुझे स्वयं से बात करने के लिए आठ से 10 दिन की आवश्यकता है. मौजूदा राजनीतिक बदलावों की पृष्ठभूमि में भावी यात्रा पर फैसला किए जाने की आवश्यकता है.

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 उन्होंने कहा, ‘अब क्या करना है? कौन सा मार्ग चुनना है? हम लोगों को क्या दे सकते हैं? हमारी ताकत क्या है? लोगों की अपेक्षाएं क्या हैं? मैं इन सभी पहलुओं पर विचार करूंगी और आपके सामने 12 दिसंबर को आऊंगी.’

पंकजा मुंडे ने लिखा कि उन्होंने चुनाव में मिली हार स्वीकार कर ली है और वह हार-जीत में उलझने की जगह आगे बढ़ गई हैं. उन्होंने कहा कि मैं पार्टी (भाजपा) की बैठकों में शामिल हुई थी. महाराष्ट्र में 24 अक्टूबर को आए विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद नई राजनीतिक पटकथा लिखी गई. भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने वाली शिवसेना ने उसके साथ 30 साल पुराना गठबंधन तोड़ लिया और राकांपा तथा कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली.