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भारत के दबाव में झुका पाकिस्तान, आतंकी संगठनों की संपत्तियों पर किया कब्जा

पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद आतंकी संगठनों पर कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान पर बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय दबाव के बाद इमरान सरकार ने बड़ा फैसला लिया है

Updated on: 05 Mar 2019, 12:46 AM

नई दिल्ली:

पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद आतंकी संगठनों पर कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान पर बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय दबाव के बाद इमरान सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान की पीटीआई सरकार ने ऐसे सभी संगठनों के संपत्तियों को सीज करने का आदेश जारी कर दिया है जिस पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने पाबंदी लगा दी है. पाकिस्तान की केंद्र सरकार ने यह आदेश सोमवार को जारी किया है. यह फैसला संयुक्त राष्ट्र संघ सुरक्षा परिष्द के लगाए गए बैन के बाद यह पाकिस्तान के यूएनएससी एक्ट 1948 के तहत लिया गया है.

इस फैसले की जानकारी देते हुए हुए पाकिस्तान विदेश विभाग के प्रवक्ता डॉ मोहम्मद फैसल ने कहा कि इस फैसले का मतलब यह है कि अब संयुक्त राष्ट्र के द्वारा प्रतिबंधित किए गए सभी संगठनों पर अब सरकार का नियंत्रण होगा. इसके बाद अब बैन किए गए ऐसे संगठनों के सभी संपत्तियों पर अब सरकार का नियंत्रण और मालिकाना होगा. इतना ही नहीं डॉ मोहम्मद फैसल ने कहा सरकार ने संयुक्त राष्ट्र संघ के बैन किए गए सभी संगठनों के दान देने वाली संस्था और एंबुलेंस सेवा पर भी पाबंदी लगा दी है.

विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा पाकिस्तान सरकार ने यह फैसला संयुक्त राष्ट्र संघ के लिए गए फैसलों और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्षेत्र में शांति और सुरक्षा कायम करने के लिए लिया है.

बीते साल के दौरान संयुक्त राष्ट्र संघ सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तान के इन आतंकी संगठनों पर पाबंदी को बढ़ाते हुए पाकिस्तान सरकार को ऐसे सभी संगठनों पर कार्रवाई करने के लिए यूएन की तरफ से बार-बार कहा जा रहा था. हालांकि आतंकवाद पाकिस्तान के विदेश नीति का हिस्सा रहने की वजह से वहां की सरकारों ने न सिर्फ इसे बढ़ावा दिया बल्कि कश्मीर को अशांत रखने और भारत को अस्थिर बनाने के लिए हथियार के तौर पर कई बार इसका इस्तेमाल भी किया है.

बीते दिनों पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिल पर हुए आतंकी हमले में भी पाकिस्तान स्थिति आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का ही नाम सामने आया था.