करतारपुर साहिब मसले पर DSGMC की केंद्र से पाकिस्तान पर दबाव बनाने की मांग
मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि सिख समुदाय को कतई बर्दाश्त नहीं कि उनके रहते गैरसिखों के हाथ में गुरुद्वारा साहिब का प्रबंधन दिया जाए.
नई दिल्ली:
पाकिस्तान में गुरुद्वारा करतारपुर साहिब का रखरखाव का काम पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से छीनकर एक गैर-सिख निकाय आईएसआई के नियंत्रण वाले 'इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड' को सौंपने पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिरसा ने चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा है कि सिख समुदाय को कतई बर्दाश्त नहीं कि उनके रहते गैरसिखों के हाथ में गुरुद्वारा साहिब का प्रबंधन दिया जाए. उन्होंने कहा कि वह विदेश मंत्री से मिलकर अपनी बात रखेंगे. सिरसा ने मांग की है कि इस मसले पर केन्द्र सरकार को भी सख्त रूख अख्तियार करते हुए पाक को सख्त चेतावनी देनी होगी, ताकि पाक इस फैसले को बदलने के लिए मजबूर हो.
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गुरुद्वारा साहिब पर ISI की निगरानी में आतंकवाद को शह देने पर पूछे गए सवाल के जवाब में मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, 'सिखों की राष्ट्रभक्ति संदेह से परे है. देश के लिए मर मिटने का उनका इतिहास है. पाकिस्तान ने सिखों से उनके गुरुद्वारे का अधिकार छीना. वहीं इस दुष्प्रचार को सहारा दिया कि लांचिंग पैड के तौर पर इस्तेमाल होगा. पाकिस्तान की मंशा भले ही कुछ हो, मगर गुरु के सिख ऐसी किसी हरकत को अंजाम नहीं दे सकते.'
इससे पहले भारत ने करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के प्रबंधन को एक अलग ट्रस्ट को सौंपे जाने के पाकिस्तान के फैसले को 'अत्यधिक निंदनीय' करार दिया और कहा कि यह सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं के खिलाफ है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि सिख समुदाय ने भारत को दिए प्रतिवेदन में पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से गुरुद्वारा प्रबंधन एवं रखरखाव का काम एक गैर-सिख निकाय, ‘इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड’ को सौंपने को लेकर चिंता व्यक्त की है. मालूम हो कि दोनों देशों ने पिछले साल नवम्बर में पाकिस्तान में गुरुद्वारा करतारपुर साहिब से भारत के गुरदासपुर में डेरा बाबा साहिब तक गलियारा खोल लोगों को जोड़ने का एक ऐतिहासिक कदम उठाया था.
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विदेश मंत्रालय ने कहा, 'हमने पाकिस्तान के गुरुद्वारा करतारपुर साहिब के प्रबंधन एवं रखरखाव के काम को पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति से लेकर एक अन्य ट्रस्ट इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड को देनी की खबरें देखी हैं, जो कि सिख निकाय नहीं है. पाकिस्तान का यह एकतरफा फैसला अत्यधिक निंदनीय है और करतारपुर साहिब गलियारे व सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं के खिलाफ है.'
गौरतलब है कि चार किलोमीटर लंबा करतारपुर गलियारा पंजाब के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक और पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब को आपस में जोड़ता है. भारत को दिए प्रतिवेदन में सिख समुदाय ने पाकिस्तान द्वारा उस देश में अल्पसंख्यक सिख समुदाय के अधिकारों को निशाना बनाने के निर्णय पर गंभीर चिंता व्यक्त की है. मंत्रालय ने कहा, 'इस तरह की कार्रवाइयां केवल पाकिस्तानी सरकार और उसके नेतृत्व के धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों और कल्याण के संरक्षण के बड़े बड़े दावों की वास्तविकता को उजागर करती है.'
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