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सरकार ने आतंकवाद की तोड़ी कमर, घुसपैठ में 43 फीसदी से ज्यादा की कमी

सर्जिकल स्ट्राइक के बाद यह परिणाम सामने आया है, आतंक से संबंधित घटनाओं में 28 फीसदी और स्थानीय आतंकियों की भर्ती में 40 फीसदी की कमी आई है

Updated on: 09 Jul 2019, 05:02 PM

highlights

  • सरकार ने किया बड़ा दावा
  • घुसपैठ में आई भारी कमी
  • सर्जिकल स्ट्राइक के बाद आया ये बदलाव

नई दिल्ली:

सीमापार से आने वाली घुसपैठ में 43 फीसदी से ज्यादा की कमी आई है. सरकार ने संसद में एक सवाल के जवाब में दावा किया है. इसके साथ ही आतंक से संबंधित घटनाओं में 28 फीसदी और स्थानीय आतंकियों की भर्ती में 40 फीसदी की कमी आई है. इसके साथ ही पिछले साल के मुकाबले इस साल अब तक 22 फीसदी ज्यादा आतंकियों को ढेर किया जा चुका है. सर्जिकल स्ट्राईक के बाद सीमा पार से होने वाली घुसपैठ में क्या कोई कमी हुई है और हुई है तो कितनी इस सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदमों के उठाने के चलते पाकिस्तान से होने वाली घुसपैठ में भारी कमी आई है.

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पाकिस्तान से आने वाले आतंकियों में ये कमी सीमा पर तकनीकि तौर पर उन्नत उपकरणों और सुरक्षा बलों के चौकन्ने रहने से आई है. सरकार के मुताबिक अंतराष्ट्रीय सीमा और लाईन ऑफ कंट्रोल पर बहुस्तरीय सुरक्षा इंतजाम, फैसिंग, सटीकइंटेलीजेंस, त्वरित ऑपरेशन और सुरक्षा बलों को अत्याधुनिक उपकरणों से लैस करने से ये कमी आई है. सरकार के जवाब के मुताबिक पिछले साल की पहले छह महीनें के मुकाबले इस साल की पहली छमाही में घुसपैठ की घटनाओं में लगभग 43 फीसदी की कमी दर्ज की गई है.

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सरकार ने बॉर्डर पर चल रही अत्याधुनिक फैंसिग की प्रगति की जानकारी भी सदन में रखी. इसी तरह के एक दूसरे सवाल के जवाब में सरकार ने जानकारी दी. जीरो टॉलरेंस की नीति के चलते घाटी में आतंकी घटनाओं में 28 फीसदी की कमी आई है. इसके साथ ही सुरक्षा बलों के ऑपरेशन के चलते आतंकियों को ढेर करने में भारी कामयाबी मिल रही है. जवाब में दिए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल के मुकाबले इस साल के पहले छह महीने में सुरक्षा बल 22 फीसदी ज्यादा आतंकियों को ढेर करने में कामयाब हुए है. इसके साथ ही लंबे समय से स्थानीय आतंकियों को भर्ती करने में कामयाब रहे. आतंकी संगठनों को अब उसमें भी मुंह की खानी पड़ रही है. आंकडों के मुताबिक पिछले साल के पहले छह महीनों के मुकाबले इस साल के छह महीने में आतंकियों कीभर्ती में चालीस फीसदी की भारी कमी आई है.

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