किसानों के आगे झुकी महाराष्ट्र सरकार, फडणवीस ने मानी अधिकतर मांगें
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कई मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों के प्रतिनिधिमंडल से सोमवार को मुलाकात कर कहा कि उनकी अधिकतर मांगों को मान लिया गया है।
highlights
- राज्य सरकार ने मानी किसानों की अधिकतर मांगें
- 6 महीने के भीतर चीजों को अमल में लाने का दिया आश्वासन
- आज ट्रेन से वापस हो जाएगा किसानों का समूह
मुंबई:
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कई मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों के प्रतिनिधिमंडल से सोमवार को मुलाकात कर कहा कि उनकी अधिकतर मांगों को मान लिया गया है।
पूर्ण कर्ज माफी सहित कई मांगों को लेकर 30,000 से अधिक किसानों का समूह नाशिक से 180 किलोमीटर पैदल मार्च करने के 6 दिन बाद रविवार देर रात मुंबई के आजाद मैदान में पहुंचा गया था।
प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की थी। फडणवीस ने कहा, 'हमने उनकी अधिकतर मांगों को मान लिया है और लिखित रूप में पत्र भी दिया गया है।'
इससे पहले दिन में फडणवीस ने कहा था, 'वे किसानों की मांग को पूरा करने के लिए सकारात्मक हैं और हमारी सरकार मार्च शुरू होने के दिन से किसानों के अलग-अलग मुद्दों पर बातचीत करने की कोशिश कर रही है।'
प्रदर्शन में शामिल नाशिक के एक किसान सुरेश जयराम ने कहा, 'हम बहुत खुश हैं। हमारी मांगों को मान लिया गया है। हमें हमारी जमीन वापस मिल जाएगी जो हमारी मां के समान है।'
महाराष्ट्र के जल संसाधन और सिंचाई मंत्री गिरीश महाजन ने कहा, 'किसानों के साथ उनकी सभी मांगों को लेकर एक सकारात्मक मीटिंग हुई। उनकी करीब 12-13 मांगे हैं जिसमें अधिकतर मांगों को हमने मान लिया है और उनको लिखित जवाब दिया जाएगा। मेरा मानना है कि वे हमारे निर्णय से खुश हैं।'
वहीं महाराष्ट्र के एक और मंत्री वी सावरा ने कहा, 'किसानों की शिकायत है कि जो उनकी जमीन है उससे कम उनके नाम पर हैं, तो जितनी भी जमीन पर वो खेती कर रहे हैं वो उनके नाम पर होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने इस पर सहमत हुए हैं। मुख्य सचिव इसे देखेंगे और 6 महीनों में इस पर काम शुरू हो जाएगा।'
अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) के नेतृत्व में किसानों ने पूर्ण कर्ज माफी और अन्य मांगों को लेकर इस मार्च की शुरुआत 5 मार्च को नाशिक के सीबीएस चौक से की थी।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया और कहा कि इन मुद्दों का सिर्फ एक ही समाधान है कि सरकार उनकी मांगों को मान ले।
और पढ़ें: NN Exclusive: 15,500 करोड़ रुपये का चूना लगाकर दिवालिया हुई एयरसेल
उन्होंने कहा, 'कई सालों से सरकार किसानों के मांगों को पूरा करने के वादों पर खड़ा नहीं उतर पाई है। जब तक किसान मजबूर होकर आत्महत्या करते रहेंगे, देश प्रगति नहीं कर सकता है। सरकार को उनकी मांगें माननी चाहिए नहीं तो प्रदर्शन लगातार होता रहेगा।'
बता दें कि किसान बिना शर्त कर्ज माफी और बिजली बिल माफी, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करवाने, कृषि उत्पादों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), जमीन की मांग, किसान लाभकारी मूल्य, जंगल अधिकार कानून और पेंशन योजना की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।
सरकार के दिए गए वादों के बाद किसानों ने आंदोलन को खत्म करने का निर्णय किया और सरकार के आदेश पर उनके वापस जाने की व्यवस्था भी की गई।
किसानों को वापस भेजने के लिए मध्य रेलवे सोमवार को मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनल स्टेशन से भुसावल के लिए रात 8:50 और 10 बजे दो ट्रेनें चलाएगी।
और पढ़ें: येचुरी ने कहा- बीजेपी का 'विरोधीमुक्त भारत' का सपना पूरा नहीं होगा
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Kya Kehta Hai Hinduism: हिंदू धर्म में क्या है मुस्लिमों का स्थान, सदियों पुराना है ये इतिहास
-
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पारण, जानें व्रत खोलने का सही तरीक
-
Varuthini Ekadashi 2024: शादी में आ रही है बाधा, तो वरुथिनी एकादशी के दिन जरूर दान करें ये चीज
-
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी पर अपनी राशि के अनुसार जपें मंत्र, धन वृद्धि के बनेंगे योग