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इमरान खान के CAA वाले बयान पर भारत ने दी कड़ी प्रतिक्रिया, कहा- इतिहास का ज्ञान नहीं

इमरान खान ने बहुपक्षीय मंच पर अपने झूठे राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए भारत के लिए पूरी तरह से आंतरिक मामलों पर गंभीर और अनुचित टिप्पणी की है.

Updated on: 17 Dec 2019, 08:28 PM

नई दिल्ली:

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर अपना चेहरा खुद बेनकाब कर लिया है. इस बार जिनेवा के ग्लोबल रिफ्यूजी फोरम में अपनी झूठ की पोल खोल दी है. इमरान खान ने बहुपक्षीय मंच पर अपने झूठे राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए भारत के लिए पूरी तरह से आंतरिक मामलों पर गंभीर और अनुचित टिप्पणी की है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि इमरान खान अपनी झूठ खुद ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर बता रहा है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि अब यह पूरी दुनिया को स्पष्ट होना चाहिए कि इमरान खान हमेशा वैश्विक मंच का दुरुपयोग करता है. यह उसके आदत में शुमार हो गया है. वे कभी ऐसे मंच को लोककल्याणकारी के लिए उपयोग नहीं करते हैं, बल्कि अपना असली चेहरा दिखाने के लिए इस मंच का दुरुपयोग करते हैं.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि पिछले 72 वर्षों में पाकिस्तान ने अपने अल्पसंख्यकों को व्यवस्थित रूप से प्रताड़ित किया है. इस वजह से उनमें से अधिकांश भारत पलायन कर गए. इमरान खान दुनिया को बताने में यह भूल जाते हैं कि पूर्वी पाकिस्तान के लोगों के साथ उनकी सेना ने 1971 में क्या किया था. पूर्वी पाकिस्तान में अपने ही अल्पसंख्यकों और सह-धर्मवादियों के अधिकारों की रक्षा करने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए कार्य करना चाहिए. वहीं इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था कि हमें नहीं लगता कि हमें पाकिस्तान पीएम के हर बयान का जवाब देना चाहिए. उनके सभी बयान अनुचित हैं, उन्हें भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने के बजाय पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए.

वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि इस्लामाबाद सारे वैश्विक मंचों पर नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) का मुद्दा उठाएगा. कुरैशी ने कहा कि ये एक्ट नरेंद्र मोदी की ‘हिन्दुत्व श्रेष्ठ’ विचारधारा को बेनकाब करता है. कुरैशी ने जामिया मिलिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के हालिया घटनाक्रम पर कहा कि मुस्लिम छात्रों पर क्रूर और अंधाधुंध ताकतों का इस्तेमाल किया गया है. इसको लेकर मैं चिंतित हूं. कश्मीर पर अवैध कब्जा, बाबरी मस्जिद, मुस्लिमों को अलग करने वाला नागरिकता संशोधन बिल, ये सब अल्पसंख्यकों पर आधिपत्य की दिशा में बढ़ने के लिए है. कुरैशी ने पाकिस्तान की राष्ट्रीय असेंबली में इस मुद्दे को वैश्विक मंच पर उठाने की बात कही. साथ ही दुनिया को भारत में मुस्लिमों और अल्पसंख्यकों से किए जा रहे भेदभाव को लेकर अवगत कराएगा. दुनिया को पहले कश्मीर और अब अल्पसंख्यकों के साथ किए जा रहे बर्ताव अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए.